बोधिसत्व का चरित्र चित्रण: प्राचीन समय में बोधिसत्त्व (सुपारग) ने एक नाव के सह संचालक के रूप में जन्म लिया। सुपारग अत्यन्त कुशाग्रबृद्धि, कलाओं में
बोधिसत्व का चरित्र चित्रण / सुपारग का चरित्र चित्रण
परिचय: प्राचीन समय में बोधिसत्त्व (सुपारग) ने एक नाव के सह संचालक के रूप में जन्म लिया। सुपारग अत्यन्त कुशाग्रबृद्धि, कलाओं में निपुण विपरीत परिस्थितियों में धैर्य रखने वाले तथा दिशाओं के ज्ञाता और समुद्रविषयक रहस्यों के सूक्ष्म जानकार थे, जिसके कारण उनका नाम सुपारग पड़ा। बोधिसत्त्व की चारित्रिक विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
उदार हृदय: सुपारग उदार हृदय वाले व्यक्ति थे वह प्रार्थना करने वालों की प्रार्थना अवश्य स्वीकार कर लेते थे। इसीलिए जीर्ण- शीर्ण होते हुए भी वे भरूकच्छ से आये हुए व्यापारियों की प्रार्थना स्वीकार करके उनके साथ प्रस्थान करते हैं। इससे बोधिसत्व की उदारता प्रकट होती है।
दयावान्: बोधिसत्त्व उच्चकोटि के दयावान हैं। बूढ़े होने पर भी वे व्यापारियों की प्रार्थना पर उनके साथ समुद्री यात्रा करना स्वीकार कर लेते हैं तथा उनको जीवन से निराश देखकर जहाज के सकुशल लौटाने की भगवान से प्रार्थना करते हैं।
समुद्र यात्रा के ज्ञाता: सुपारग को समुद्रविषयक रहस्यों की सूक्ष्म जानकारी थी, उन्हें समुद्रयात्रा का गहन अनुभव, जानकारी तथा इस सम्बन्ध में दूर-दूर तक प्रसिद्धि भी थी। यही कारण था कि जीर्ण-शीर्ण होने पर भी वे व्यापारियों के द्वारा यात्रा पर ले जाये जाते थे और प्रत्येक विपत्ति में उनका साथ देते थे।
साहसी: बोधिसत्त्व अत्यत्न साहसी व्यक्ति थे। वे भयंकर से भयंकर समुद्र की यात्रा करने में भी साहस को नहीं छोड़ते थे।
हितैषी और मित्र: बोधिसत्त्व व्यापारी वर्ग के सच्चे हितैषी और मित्र हैं। नल माली समुद्र को पार करते समय उसके गुणों से परिचित होने के कारण वे उसकी मिट्टी, बालू एवं पत्थरों को व्यापारियों से नाव में भर लेने के लिए कहते हैं, क्योंकि वे यह जानते थे कि वे रेत और पत्थर अन्त में स्वर्ण और रत्न बन जायेंगे। उनका यह कार्य उनके व्यापारी वर्ग के हितैषी और मित्र होने का परिचायक है।
निष्कर्ष: निष्कर्ष रूप में कहा जा सकता है कि बोधिसत्त्व उदारवादी, दयावान, साहसी और अंहिसावादी आदि गुणों से युक्त तो थे ही उनमें परोपकार, परायणता, जनहित चिन्तन, कोमल हृदयता, तपस्विता आदि अन्य बहुत से गुण भी विद्यमान थे निश्चय ही सुपारण का चरित्र एक आदर्श पुरुष का चरित्र है।
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