मेरा प्रिय खेल खो-खो पर निबंध: विद्यार्थी जीवन में खेलों का स्थान उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि पढ़ाई-लिखाई का। खेल न केवल शरीर को स्वस्थ और सशक्त
मेरा प्रिय खेल खो-खो पर निबंध - My Favourite Game Kho-Kho Essay in Hindi
मेरा प्रिय खेल खो-खो पर निबंध: मानव जीवन में खेलों का स्थान उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि पढ़ाई-लिखाई का। खेल न केवल शरीर को स्वस्थ और सशक्त बनाते हैं, बल्कि वे मन को भी प्रसन्नचित्त रखते हैं और तनाव दूर करने में सहायक होते हैं। खेल भी अनेक प्रकार के होते हैं— जैसे क्रिकेट, फुटबॉल, कबड्डी, हॉकी, वॉलीबॉल, बास्केटबॉल और खो-खो आदि। यदि मुझसे पूछा जाए कि मेरा सबसे प्रिय खेल कौन-सा है, तो मेरा उत्तर निःसंदेह "खो-खो" होगा।
खो-खो एक पारंपरिक भारतीय खेल है और आज भी देश के कोने-कोने में, विशेषकर ग्रामीण अंचलों और विद्यालयों में, इसे बड़े उत्साह के साथ खेला जाता है। खो-खो खेलने के नियम सरल लेकिन रोचक हैं। यह खेल दो टीमों के बीच खेला जाता है, प्रत्येक टीम में 9 खिलाड़ी होते हैं और कुछ अतिरिक्त खिलाड़ी भी होते हैं। खेल के मैदान की लंबाई 27 मीटर और चौड़ाई 16 मीटर होती है। मैदान के दोनों सिरों पर चार-चार फुट ऊँचे दो स्तंभ गाड़े जाते हैं। खेल शुरू होने से पहले टॉस होता है, जिससे तय होता है कि कौन-सी टीम पहले पीछा करेगी। खिलाड़ियों की पंक्ति मैदान के मध्य भाग में होती है, जिसमें पहली टीम के 8 खिलाड़ी एक-दूसरे की उल्टी दिशा में मुंह करके बैठते हैं। एक खिलाड़ी खड़ा रहता है, जिसे चेजर कहते हैं। चेजर का काम विपक्षी खिलाड़ियों को छूकर आउट करना होता है। जब एक चेजर थक जाता है, तो वह बैठे हुए खिलाड़ी को 'खो' बोलकर छूता है। जिसे छुआ जाता है, वह नया चेजर बन जाता है। अगर विपक्षी टीम का कोई खिलाड़ी छू लिया जाता है, तो वह आउट हो जाता है। खेल दो पारी में खेला जाता है, और प्रत्येक पारी नौ मिनट की होती है। जो टीम सबसे कम समय में सभी प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ियों को आउट करती है, वह विजेता होती है।
खो-खो का एक और लाभ यह है कि इसे खेलने सेपरस्पर सहयोग और अनुशासन की भावना विकसित होती है। यह खेल हमें सिखाता है कि व्यक्तिगत प्रयास तभी सफल होते हैं जब पूरी टीम एकजुट होकर कार्य करे। एक खिलाड़ी की चूक पूरी टीम पर असर डाल सकती है। इस खेल में सिर्फ दौड़ना ही नहीं होता, बल्कि दिमाग भी खूब लगाना पड़ता है। चेजर को सोचना पड़ता है कि रनर को कैसे घेरा जाए, और रनर को सोचना पड़ता है कि चेजर से कैसे बचा जाए। 'खो' बोलते ही खिलाड़ियों का बदलना खेल को बहुत मजेदार बना देता है! इसीलिए यह मेरा प्रिय खेल है।
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