छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थल निबंध (Chhattisgarh ke Paryatan Sthal par Nibandh) छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थल निबंध: भारत का हृदयस्थल कहे जाने वाला ...
छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थल निबंध (Chhattisgarh ke Paryatan Sthal par Nibandh)
छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थल निबंध: भारत का हृदयस्थल कहे जाने वाला छत्तीसगढ़ राज्य, अपने घने जंगलों, प्राचीन मंदिरों, जलप्रपातों और जनजातीय संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। यह राज्य न केवल खनिज संपदा में समृद्ध है, बल्कि यहाँ का सांस्कृतिक और प्राकृतिक सौंदर्य भी देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करता है। छत्तीसगढ़ में ऐसे अनेक पर्यटन स्थल हैं जहाँ प्रकृति, इतिहास और परंपरा का अद्भुत मेल दिखाई देता है।
छत्तीसगढ़ का सबसे प्रसिद्ध और मनोहारी पर्यटन स्थल है चित्रकोट जलप्रपात, जिसे ‘भारत का नियाग्रा’ भी कहा जाता है। बस्तर जिले में स्थित यह जलप्रपात इंद्रावती नदी पर बना हुआ है और बरसात के दिनों में इसकी भव्यता देखते ही बनती है। इससे कुछ ही दूर तीरथगढ़ जलप्रपात भी स्थित है, जो घने जंगलों के बीच शांत वातावरण में बहता है। यह स्थल प्रकृति प्रेमियों और फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए स्वर्ग समान है।
छत्तीसगढ़ केवल प्राकृतिक सौंदर्य से ही नहीं, बल्कि धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों से भी समृद्ध है। डोंगरगढ़ स्थित माँ बम्लेश्वरी देवी का मंदिर एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जहाँ हजारों श्रद्धालु प्रतिवर्ष दर्शन के लिए आते हैं। पहाड़ी की चोटी पर स्थित यह मंदिर आस्था और प्रकृति दोनों का संगम है।
इतिहास के झरोखों से झाँकते हुए जब हम सिरपुर पहुँचते हैं, तो वहाँ की मिट्टी से बौद्ध संस्कृति की सुगंध आती है। यहाँ के पुरातात्विक अवशेष, जैसे लक्ष्मण मंदिर, बौद्ध विहार, और महावीर मठ, छत्तीसगढ़ के गौरवशाली इतिहास के प्रतीक हैं। सिरपुर में मिली बुद्ध प्रतिमाएँ और स्तूप हमें गुप्तकाल और मौर्यकाल की सांस्कृतिक समृद्धि का दर्शन कराते हैं।
छत्तीसगढ़ की धरती के गर्भ में भी अद्भुत संसार छिपा है। कुटुमसर गुफाएँ, जो कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के भीतर स्थित हैं, भारत की सबसे लम्बी गुफाओं में से एक हैं। ये गुफाएँ कैल्शियम कार्बोनेट से बनी हुई हैं और इनमें अद्भुत शिलाकृतियाँ देखने को मिलती हैं। ऐसी ही एक और प्रसिद्ध गुफा है कैलाश गुफा, जहाँ प्राकृतिक तरीके से बनी हुई भगवान शिव की आकृति देखी जा सकती है।
बस्तर क्षेत्र अपनी जनजातीय संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ के स्थानीय मेले, हस्तशिल्प, लोकनृत्य और लोकगीत राज्य की आत्मा को अभिव्यक्त करते हैं। बस्तर दशहरा दुनिया के सबसे लंबे चलने वाले उत्सवों में से एक है, जो 75 दिनों तक चलता है और पूरे छत्तीसगढ़ को एक रंगीन पर्व में बदल देता है।
प्रकृति प्रेमियों के लिए छत्तीसगढ़ में अनेक वन्यजीव अभयारण्य और राष्ट्रीय उद्यान हैं। अचानकमार टाइगर रिजर्व, उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व, और कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान जैसे स्थल जैव विविधता से परिपूर्ण हैं। यहाँ बाघ, तेंदुआ, भालू, नीलगाय, सांभर और अनेक प्रकार के पक्षी पाए जाते हैं। इन उद्यानों में ट्रेकिंग, कैंपिंग और बर्ड वॉचिंग जैसे अनुभव पर्यटकों को रोमांच और शांति दोनों प्रदान करते हैं।
निष्कर्ष में कहा जाए तो छत्तीसगढ़ एक ऐसा राज्य है जहाँ प्रकृति, संस्कृति, इतिहास और आस्था के एक साथ दर्शन होते हैं। यह राज्य न केवल अपनी खनिज संपदा के लिए जाना जाता है, बल्कि इसके पर्यटन स्थलों में अपार संभावनाएँ छिपी हुई हैं। इसलिए प्रत्येक भारतीय को एक बार छत्तीसगढ़ आकर इसके अनदेखे सौंदर्य को अनुभव अवश्य करना चाहिए।
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