जन गण मन पर निबंध: भारत का राष्ट्रगान 'जन गण मन' एक ऐसी रचना है, जो देश के हर नागरिक के हृदय में गौरव और देशभक्ति की भावना जगाती है। रविंद्रनाथ टैगोर
जन गण मन पर निबंध (Jan Gan Man Par Nibandh)
जन गण मन पर निबंध: भारत का राष्ट्रगान 'जन गण मन' एक ऐसी रचना है, जो देश के हर नागरिक के हृदय में गौरव और देशभक्ति की भावना जगाती है। रविंद्रनाथ टैगोर द्वारा रचित यह गीत, भारत की विविधता में एकता का प्रतीक है। जन गण मन का प्रथम छंद ही राष्ट्रगान के रूप में गाया जाता है, जिसकी अवधि लगभग 52 सेकंड होती है।
'जन गण मन' की रचना वर्ष 1911 में हुई थी। इसे पहली बार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कोलकाता अधिवेशन में गाया गया था। उस समय देश गुलामी की बेड़ियों में जकड़ा हुआ था। टैगोर ने उस समय की विकट परिस्थितियों में भी भारत की आत्मा को पहचान लिया था। उन्होंने एक ऐसे गीत की रचना की जो देश की विविधता में एकता को दर्शाता हो, जो भारत की प्राचीन संस्कृति और आधुनिक आकांक्षाओं का समन्वय हो। यह गीत बंगाली भाषा में लिखा गया था, जिसे बाद में हिंदी में अनुवादित किया गया।
इसके बाद, वर्ष 1950 में जन गण मन को भारत का राष्ट्रगान घोषित किया गया। तब से लेकर आज तक, यह गान राष्ट्रीय उत्सवों, जैसे स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर गौरवपूर्ण ढंग से गाया जाता है। इसके अलावा, विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों, खेल प्रतियोगिताओं और अन्य महत्वपूर्ण अवसरों पर भी इसका गायन होता है।
'जन गण मन' केवल एक गीत नहीं है, अपितु राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक है। इसमें भारत की विविधता में एकता का सार निहित है। यह गीत भारत की भौगोलिक विविधता और सांस्कृतिक एकता का सुंदर चित्रण करता है। पंजाब से लेकर सिंध, गुजरात से लेकर मराठा, द्रविड़ से लेकर उत्कल, बंगाल से लेकर विंध्य और हिमालय तक, भारत के विभिन्न क्षेत्रों का उल्लेख करते हुए यह गीत राष्ट्रीय एकता का संदेश देता है। साथ ही, यमुना, गंगा और समुद्र की लहरों का वर्णन करते हुए यह भारत की प्राकृतिक संपदा की भी प्रशंसा करता है।
'जन गण मन अधिनायक जय हे' की पंक्तियाँ राष्ट्र के प्रति गहरी श्रद्धा और सम्मान व्यक्त करती हैं। यह एक प्रार्थना है, जिसमें राष्ट्र के नेतृत्वकर्ता से देश के कल्याण और उन्नति की कामना की गई है। यह गीत राष्ट्रीय गौरव और एकता का प्रतीक है। जब भी हम इस गीत को गाते हैं, हमारे मन में देशभक्ति की भावना जागृत होती है।
निष्कर्षतः, 'जन गण मन' भारत की आत्मा है। यह एक ऐसा गीत है जो हमें राष्ट्र के प्रति समर्पित और कर्तव्यनिष्ठ बनने की प्रेरणा देता है। यह गीत हमेशा हम भारतीयों के दिलों में गूंजता रहेगा।
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