गुड फ्राइडे पर निबंध: गुड फ्राइडे ईसाई धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण और भावनात्मक पर्व है, जिसे प्रभु यीशु मसीह के बलिदान की स्मृति में मनाया जाता है।
गुड फ्राइडे पर निबंध - Essay on Good Friday in Hindi
गुड फ्राइडे पर निबंध: गुड फ्राइडे ईसाई धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण और भावनात्मक पर्व है, जिसे प्रभु यीशु मसीह के बलिदान की स्मृति में मनाया जाता है। यह दिन ईस्टर संडे से पहले आने वाले पवित्र सप्ताह का एक विशेष दिन होता है। गुड फ्राइडे को होली फ्राइडे और ग्रेट फ्राइडे भी कहा जाता है। यह दिन ईसाईयों के लिए दुख और संवेदना से भरा होता है, लेकिन इसके पीछे एक महान संदेश छिपा हुआ है—मानवता के लिए प्रेम, बलिदान और क्षमा।
गुड फ्राइडे उस दिन की याद दिलाता है जब प्रभु यीशु मसीह को क्रूस यानि सलीब पर चढ़ाया गया था। ईसाई धर्मग्रंथों के अनुसार, यीशु मसीह ने अपना सम्पूर्ण जीवन मानवता की सेवा, प्रेम और सत्य के प्रचार में समर्पित किया। उन्होंने समाज में फैली बुराइयों के विरुद्ध आवाज़ उठाई, गरीबों की मदद की, बीमारों को ठीक किया और लोगों को प्रेम, दया और करुणा का महत्व समझाया। लेकिन उनके बढ़ते प्रभाव से कुछ स्वार्थी और शक्तिशाली लोग असंतुष्ट थे, जिन्हें लगा कि उनका प्रभुत्व समाप्त हो सकता है।
इन लोगों ने यीशु मसीह पर झूठे आरोप लगाए और उन्हें रोमन गवर्नर पोंटियस पिलातुस के सामने पेश किया। हालाँकि पिलातुस को यीशु की निर्दोषता का आभास था, लेकिन भीड़ के दबाव और राजनीतिक परिस्थितियों के कारण उन्होंने यीशु को सूली पर चढ़ाने की सज़ा सुना दी। इस प्रकार, शुक्रवार के दिन, दो अपराधियों के साथ, प्रभु यीशु को गोलगोथा नामक जगह ले जाया गया, जहाँ उन्हें सलीब पर टाँग दिया गया।
यीशु मसीह को जब क्रूस पर चढ़ाया गया, तब भी उन्होंने अपने शत्रुओं के लिए प्रार्थना की और कहा, "हे परमपिता, इन्हें क्षमा कर, क्योंकि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं।" यह वाक्य प्रेम और क्षमा का ऐसा अद्वितीय उदाहरण है, जो सम्पूर्ण मानवता के लिए मार्गदर्शक बना।
कुछ चर्चों में इस दिन की प्रार्थना सभा को तीन घंटे की सेवा यानि Three Hours Service कहा जाता है, जो दोपहर 12 बजे से लेकर तीन बजे तक चलती है—क्योंकि यही वह समय माना जाता है जब यीशु को क्रूस पर लटकाया गया था। इस दिन चर्चों में घंटियाँ नहीं बजाई जातीं, और कई स्थानों पर गिरिजाघरों में काले पर्दे डाल दिए जाते हैं, जो शोक और शांति का प्रतीक होते हैं।
यीशु मसीह का जीवन हमें यह सिखाता है कि मानवता की सेवा ही सच्चा धर्म है। उन्होंने न केवल अपने अनुयायियों से प्रेम करने की शिक्षा दी, बल्कि अपने शत्रुओं को भी क्षमा करने का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया। आज के युग में, जब समाज में द्वेष, ईर्ष्या और हिंसा बढ़ती जा रही है, गुड फ्राइडे का संदेश और भी अधिक प्रासंगिक हो जाता है। यह दिन हमें सिखाता है कि प्रेम, करुणा और सहनशीलता ही समाज को बेहतर बना सकते हैं।
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