यदि मैं कक्षा का मॉनिटर होता निबंध: हर कक्षा में एक क्लास मॉनिटर होता है, जिसे टीचर का दाहिना हाथ माना जाता है. क्लास मॉनिटर होना सिर्फ ज़िम्मेदारी ही
यदि मैं कक्षा का मॉनिटर होता हिंदी निबंध - Yadi Main Kaksha ka Monitor Hota Nibandh
यदि मैं कक्षा का मॉनिटर होता निबंध: हर कक्षा में एक क्लास मॉनिटर होता है, जिसे टीचर का दाहिना हाथ माना जाता है। क्लास मॉनिटर होना सिर्फ ज़िम्मेदारी ही नहीं, बल्कि सम्मान का पद भी है। कभी-कभी कक्षा में बैठे हुए, ये ख्याल आता है कि कैसा होता अगर मैं कक्षा का मॉनिटर होता? सीने पर मॉनिटर का बैज लगाकर, टीचर की मदद करना, कक्षा में अनुशासन बनाए रखना - ये सब सोचकर ही मन रोमांच से भर उठता है!
अध्यापक की अनुपस्थिति में, क्लास को संभालना मेरा सबसे बड़ा काम होगा। मुझे सुनिश्चित करना होगा कि कक्षा में शोरगुल ना हो, सब बच्चे अपनी जगह बैठे हों, और पढ़ाई में ध्यान दें। शायद कभी-कभी किसी को समझाना भी पड़े, किसी की झगड़े को सुलझाना भी पड़े। मगर ये सब मुझे एक लीडर की तरह महसूस कराएगा।
क्लास मॉनिटर होने का मतलब सिर्फ दूसरों को आदेश देना नहीं है। बल्कि, अपने साथियों की परेशानियों को समझना भी ज़रूरी है। अगर किसी को कोई दिक्कत हो, तो उनकी मदद करना मेरा कर्तव्य होगा। अगर किसी को होमवर्क समझ नहीं आया, तो उसे समझाऊंगा या कोई भोजन लाना भूल गया तो उसके लिए कैंटीन भोजन उपलब्ध करवाऊंगा।
इतनी सारी ज़िम्मेदारियाँ निभाना आसान नहीं होगा। क्लास मॉनिटर होने के नाते, पढ़ाई में भी अच्छा प्रदर्शन करना ज़रूरी है। शायद मुझे दूसरों से पहले होमवर्क पूरा करना होगा और हर टेस्ट में अच्छे अंक लाने होंगे, तभी तो सब मेरी बात मानेंगे।
यदि मैं मॉनिटर होता तो शिक्षक और छात्रों के बीच एक मजबूत सेतु के रूप में काम करता। मैं शिक्षकों को छात्रों की समस्याओं से अवगत कराता और छात्रों को शिक्षकों के निर्देशों का पालन करने के लिए प्रेरित करता। इससे कक्षा में एक सकारात्मक वातावरण बनता और पढ़ाई में सभी का सहयोग रहता।
मॉनिटर होने के नाते, कक्षा की साफ़-सफाई और सजावट का ध्यान रखना भी मेरी ज़िम्मेदारी है। मैं सहपाठियों के साथ मिलकर कक्षा को साफ रखने और दीवारों को ज्ञानवर्धक सामग्री से सजाने का प्रयास करूँगा। इससे कक्षा का वातावरण और भी अधिक सकारात्मक बनेगा।
मुझे पता है कि कक्षा-मॉनिटर का पद चुनौतियों से भरा हुआ है। कभी-कभी अध्यापकों के निर्देशों का पालन करवाने में दिक्कत आ सकती है या फिर हो सकता है कि कुछ सहपाठी मेरी सहायता के लिए तैयार न हों। पर मैं कभी भी इन चुनौतियों से हार नहीं मानता। मैं धैर्य और संवाद के माध्यम से समाधान खोजने की कोशिश करूंगा।
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