एक कुत्ते की आत्मकथा पर निबंध: हर किसी की तरह, मेरी भी एक कहानी है. गली के कोने में पैदा हुआ, मैं एक आवारा कुत्ता हूँ. मेरा नाम नहीं है, क्योंकि नाम र
एक कुत्ते की आत्मकथा हिंदी निबंध - Ek Kutte ki Atmakatha Nibandh In Hindi
एक कुत्ते की आत्मकथा पर निबंध: हर किसी की तरह, मेरी भी एक कहानी है. गली के कोने में पैदा हुआ, मैं एक आवारा कुत्ता हूँ. मेरा नाम नहीं है, क्योंकि नाम रखने का रिवाज इंसानों का है. आज मैं आपको अपनी आत्मकथा सुनाता हूँ.
शहर की सड़कें मेरा घर हैं. मैं हर कोने, हर गली को जानता हूँ. सवेरे की धूप हो या रात की सन्नाटा, हर आहट मेरी नज़र में है. मैंने गरीब की झोपड़ी से लेकर अमीरों के बंगलों तक, हर तरह के इंसान को देखा है. कुछ हमें प्यार से रोटी देते हैं, तो कुछ लाठी लेकर भगाते हैं. वो हमें डर से देखते हैं. हम उन्हें काटते नहीं, बस अपना इलाका बताते हैं.
शहर की जिंदगी आसान नहीं है. भूख कई बार हमें परेशान करती है, तो कभी पेट भर खाना भी मिल जाता है. मगर गली की हर चीज़ हमारी है - सूंघने के लिए कोना-कोना, दौड़ने के लिए खुला मैदान, और खाने के लिए जो भी मिल जाए. कभी-कभी तो इंसानों का खाना स्वादिष्ट भी मिल जाता है. तेज बारिश में सिर छिपाने को भी जगह नहीं मिलती. कभी-कभी बेरहम इंसान पत्थर फेंक कर हमें भगा देते हैं. पर हमने इन सब चीज़ों को सहना सीख लिया है. हर संघर्ष हमें और मजबूत बनाता है. फिर भी, खुले आसमान के नीचे सोने का सुख, एक आज़ाद कुत्ते को ही मिल सकता है.
पता चला है, कुछ कुत्ते भाग्यशाली होते हैं. उन्हें इंसान अपने घर ले जाते हैं, उन्हें खाना खिलाते हैं, नहलाते हैं. उन्हें प्यार मिलता है, पर वो घूमने के लिए भी पट्टे से बंधे रहते हैं. उनकी आँखों में वो चमक नहीं होती, जो एक आज़ाद कुत्ते की आँखों में होती है. हम गुलामी की जंजीर नहीं पहनते. हम अपने इलाके के राजा हैं.
कुछ लोग हमें आवारा कहते हैं, कुछ जंगली. पर सच तो ये है कि हम इस शहर के अभिन्न अंग हैं. हम सफाई कर्मचारी की तरह सड़कों को साफ रखते हैं, हम चौकीदार की तरह रात में पहरेदारी करते हैं. शायद इंसानों को ये एहसास ही न हो, पर हम इस शहर को जितना अपना मानते हैं, उतना शायद ही कोई और मानता होगा.
अपनी इस आत्मकथा के अंत में मैं बस इतना ही कहना चाहता हूँ कि सड़कों पर रहने वाले हर जीव के पीछे एक कहानी होती है. जरा गौर से देखिए, जरा दिल से महसूस कीजिए, तो शायद आप भी हमारी दुनिया को समझ पाएंगे. हम इंसानों से दुश्मनी नहीं चाहते, बस थोड़ा सा प्यार और करुणा चाहते हैं. शायद आप में से कोई कभी मेरा दोस्त बन जाए, कौन जाने?
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