उष्ण कटिबंधीय चक्रवातों की उत्पत्ति तथा विशेषताएं बताइये: : उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के महासागरों में उत्पन्न तथा विकसित होने वाले चक्रवातों को उष्णकटिब
उष्ण कटिबंधीय चक्रवातों की उत्पत्ति तथा विशेषताएं बताइये।
उष्ण कटिबंधीय चक्रवात: उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के महासागरों में उत्पन्न तथा विकसित होने वाले चक्रवातों को उष्णकटिबंधीय चक्रवात कहते हैं। ये चक्रवात अयनवर्ती क्षेत्रों (30° उत्तरी- 30° दक्षिणी अक्षांश) में उत्पन्न होते हैं।
उष्ण कटिबंधीय चक्रवात में वायु के संचरण की दिशा उत्तरी गोलार्द्ध में घड़ी की सुइयों के विपरीत अर्थ वामावर्त तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में घड़ी की सुइयों की दिशा में दक्षिणावर्त होती है।
उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की उत्पत्ति के लिए आवश्यक दशाएं
उपरी वायुमंडलीय परत मे प्रति चक्रवातीय दशाएं: उपरी वायुमंडलीय परत में प्रति चक्रवातीय दशाएं उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की उत्पत्ति के लिए उत्तरदायी होती हैं। उपरी वायुमंडलीय परत में प्रति चक्रवातीय दशाएं तब होती हैं जब ऊपरी हवा नीचे की ओर बह रही होती है। यह हवा चक्रवात के केंद्र में निम्न वायुदाब को बनाए रखने में मदद करती है।
गर्म तथा आर्द्रवायु का लगातार आरोहण: उष्णकटिबंधीय चक्रवात आमतौर पर भूमध्य रेखा के आसपास के क्षेत्रों में उत्पन्न होते हैं। ये क्षेत्र उच्च तापमान, उच्च आर्द्रता और कम हवा के प्रतिरोध के कारण चक्रवातों के लिए अनुकूल होते हैं। जबकि आर्द्रता हवा में जल वाष्प की मात्रा है। यह संघनन के लिए आवश्यक है, जो चक्रवात के लिए आवश्यक ऊर्जा प्रदान करती है।
कोरिऑलिस बल की उपस्थिति: कोरिओलिस बल एक आभासी बल है जो पृथ्वी के घूर्णन के कारण उत्पन्न होता है। यह बल हवा को उत्तरी गोलार्ध में दक्षिणावर्त और दक्षिणी गोलार्ध में वामावर्त घुमाता है। यह घूर्णन चक्रवात के गठन और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
समुद्री सतह का तापमान 27°C से अधिक: उष्णकटिबंधीय चक्रवात केवल उन क्षेत्रों में उत्पन्न हो सकते हैं जहां समुद्र की सतह का तापमान कम से कम 27 डिग्री सेल्सियस (81 डिग्री फ़ारेनहाइट) हो। यह तापमान हवा को ऊपर उठने और संघनित होने के लिए पर्याप्त ऊर्जा प्रदान करता है।
ITCZ में छोटे-छोटे वायुमंडलीय भवर का अस्तित्व: ITCZ में छोटे-छोटे वायुमंडलीय भंवर का अस्तित्व उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की उत्पत्ति और विकास के लिए महत्वपूर्ण है। ये भंवर गर्म और आर्द्र हवा के ऊपर उठने में मदद करते हैं, जो चक्रवात के लिए आवश्यक ऊर्जा प्रदान करता है।
उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की विशेषताएं
- उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की उत्पत्ति कर्क तथा मकर रेखाओं के मध्य होती है।
- उष्णकटिबंधीय चक्रवातों का औसत व्यास या आकार 80 से 300 किमी. तक होता है।
- उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की गति विभिन्न होती है। साधारण से प्रचंड चक्रवात के लिए इनकी गति 32-200 किमी. तक होती है।
- उष्णकटिबंधीय चक्रवात सागरों के ऊपर तेज चलते हैं परंतु स्थलों पर पहुंचते-पहुंचते क्षीण हो जाते हैं।
- चक्रवात के केंद्र में वायुदाब बहुत कम होता है।
- उष्ण कटिबंधीय चक्रवात के प्रत्येक भाग में वर्षा होती है।
- उष्ण कटिबंधीय चक्रवात सदैव गतिशील नहीं होते हैं। कभी-कभी एक ही स्थान पर कई दिन तक स्थायी हो जाते हैं।
उष्ण कटिबंधीय चक्रवात की संरचना
उष्ण कटिबंधीय चक्रवातों को विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग नामों से जानते हैं- कैरेबियन सागर (हरिकेन), चीन सागर (टाइफून), हिन्द महासागर (चक्रवात), आस्ट्रेलिया (विली - विलीज ) ।
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