विकेंद्रीकरण का अर्थ, परिभाषा और गुण-दोष बताइए: विकेंद्रीकरण का अर्थ है कि शासन सत्ता को एक स्थान पर केन्द्रीत करने के बजाय उसे स्थानीय स्तरों पर विभा
विकेंद्रीकरण का अर्थ, परिभाषा और गुण-दोष बताइए (Concept of Decentralization: Definition, Advantages and Disadvantages)
विकेंद्रीकरण का अर्थ: विकेंद्रीकरण का अर्थ है कि शासन सत्ता को एक स्थान पर केन्द्रीत करने के बजाय उसे स्थानीय स्तरों पर विभाजित करना, ताकि आम आदमी की सत्ता में भागीदारी सुनिश्चित की जा सके और वह अपने हितों व आवश्यकताओं के अनुरुप शासन संचालन में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सके। यही सत्ता के विकेंद्रीकरण का मूल आधार है । अर्थात् आम जनता तक शासन- सत्ता की पहुँच को सुलभ बनाना ही विकेंद्रीकरण है।
यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें सारा कार्य एक जगह से संचालित न होकर अलग- अलग जगह व स्तर से संचालित होता है। उन कार्यों से सम्बन्धित निर्णय भी उसी स्तर पर लिये जाते हैं। तथा उनसे जुडी समस्याओं का समाधान भी उसी स्तर पर होता है। जैसे त्रिस्तरीय पंचायतों में निर्णय लेने की प्रक्रिया ग्राम पंचायत स्तर, क्षेत्र पंचायत स्तर एवं जिला पंचायत स्तर से संचालित होती हैं।
विकेंद्रीकरण की परिभाषा (Definition of Decentralization in Hindi)
"विकेंद्रीकरण का तात्पर्य समस्त संगठन में व्यवस्थित ढंग से, निर्णय संबंधी अधिकारों को अधीनस्थ व्यक्तियों को सौंपने से है" प्रो. एलन
"संगठन की छोटी से छोटी इकाई तक, जहाँ तक कि व्यवहारिक हो, सत्ता एवं दायित्व का वितरण विकेंद्रीकरण कहलाता है । " किथ डेविस
विकेंद्रीकरण के लाभ एवं दोष (Advantages and Disadvantages of Decentralization)
- विकेंद्रीकरण के लाभ / गुण
- विकेंद्रीकरण के दोष / हानि
विकेंद्रीकरण के लाभ / गुण (Advantages of Decentralization in Hindi)
1. उच्च अधिकारियों के कार्यभार में कमी — अधिकारों के विकेंद्रीकरण के कारण उच्च अधिकारियों के कार्यभार में बहुत कमी आ जाती है, सभी निर्णय लेने का भार उन पर नहीं रहता हैं, वे अपना पूरा ध्यान महत्वपूर्ण कार्यों में लगा सकते हैं उन्हें छोटे-छोटे कार्य में उलझना नहीं पड़ता |
2. विविधीकरण की सुविधा — विकेंद्रीकरण में विविधीकरण की पर्याप्त सुविधा होती हैं, क्योंकि अलग-अलग क्रियाओं के लिए अलग-अलग अध्यक्षों की नियुक्ति की जा सकती है।
3. अनौपचारिक संबंधों का विकास — अधिकारों के विकेंद्रीकरण के द्वारा संगठन में अनौपचारिक संबंधों का विकास भी होता है।
4. कर्मचारियों के मनोबल में वृद्धि — विकेंद्रीकरण के द्वारा कर्मचारियों को स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने का अधिकार होता है जिसके कारण वे अभिप्रेरित होते हैं व उनके मनोबल में वृद्धि होती हैं। 5. योग्य प्रबंधकों की प्राप्ति का स्रोत - विकेंद्रीकरण द्वारा स्वतंत्र निर्णय का अधिकार प्राप्त होता है तथा योग्य प्रबंधक ही सही निर्णय ले पाते हैं इस प्रकार विकेंद्रीकरण के द्वारा योग्य प्रबंधको की प्राप्ति होती है|
5. विकास को बढ़ावा देना — विकेंद्रीकरण से स्थानीय स्तर पर विकास को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है। स्थानीय लोगों को निर्णय लेने की शक्ति होने से, वे अपने क्षेत्र की जरूरतों को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं और उन जरूरतों को पूरा करने के लिए नीतियों और कार्यक्रमों को विकसित कर सकते हैं।
6. सामाजिक न्याय को बढ़ावा देना — विकेंद्रीकरण से सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है। स्थानीय स्तर पर निर्णय लेने से, वंचित समूहों की जरूरतों को बेहतर ढंग से समझा और पूरा किया जा सकता है।
विकेंद्रीकरण के दोष / हानि (Disadvantages of Decentralization in Hindi)
1. समन्वय में कठिनाई — एक बड़े संगठन में विभिन्न आदर्श इकाइयों के कार्यों में एकरूपता एवं सामंजस्य स्थापित करना अत्यंत कठिन हो जाता है इन इकाइयों की पारंपरिक तीव्र प्रतिस्पर्धा से असहयोग उत्पन्न होता है और उनपर नियंत्रण रख पाना कठिन हो जाता है तथा कार्यों में दोहरेपन की भावना भी बढ़ जाती है।
2. प्रशासकीय व्यय में वृद्धि — विकेंद्रीकरण से विभिन्न विभागों में प्रशासकीय व्यय बहुत अधिक बढ़ जाते है इसका संस्था की लाभदायकता पर विपरीत प्रभाव पड़ता है अतः विकेंद्रीकरण लघु संगठनों के लिए अधिक उपयुक्त नहीं है।
3. अधीनस्थों की अयोग्यता — संगठन में अधिकारों का विकेंद्रीकरण तभी संभव है जब निम्न स्तर के अधिकारी योग्य एवं निपुण हो अन्यथा संस्था को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
4. अनुपयुक्तता — जिन संस्थाओं में एक व्यक्ति का केंद्रीय निर्देशन एवं नियंत्रण आवश्यक हो वहां विकेंद्रीकरण उपयुक्त नहीं होता हैं, इसी प्रकार से जिन कार्यों को छोटी छोटी इकाइयों में विभाजित करना संभव ना हो उनमें भी विकेंद्रीकरण लाभदायक नहीं होता हैं।
5. सीमित क्षेत्र — विकेंद्रीकरण कुछ विशिष्ट कार्यों एवं सेवाओं के क्षेत्र के लिए ही उपयुक्त होता है। दूसरे शब्दों में यह कहा जा सकता है कि एक सीमित क्षेत्र में ही विकेंद्रीकरण लागू किया जा सकता हैं।
6. असमानता को बढ़ावा देना — विकेंद्रीकरण से असमानता को बढ़ावा देने का भी खतरा होता है। यदि विकेंद्रीकरण को ठीक से लागू नहीं किया जाता है, तो यह स्थानीय स्तर पर शक्ति और संसाधनों के असमान वितरण को जन्म दे सकता है।
7. कार्यक्षमता को कम करना — विकेंद्रीकरण से कार्यक्षमता को कम करने का भी खतरा होता है। यदि विकेंद्रीकरण को ठीक से लागू नहीं किया जाता है, तो यह प्रशासन में अक्षमता और भ्रष्टाचार को जन्म दे सकता है।
8. एकता को कम करना — विकेंद्रीकरण से राष्ट्रीय एकता को कम करने का भी खतरा होता है। यदि विकेंद्रीकरण को ठीक से लागू नहीं किया जाता है, तो यह अलगाववादी प्रवृत्तियों को बढ़ावा दे सकता है।
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