नन्हा संगीतकार' कहानी का उद्देश्य - Nanha Sangeetkar Kahani ka Uddeshya: प्रस्तुत रचना 'नन्हा संगीतकार' हेनरिक सेंकेविच की एक चरित्र प्रधान रचना है जि
नन्हा संगीतकार' कहानी का उद्देश्य - Nanha Sangeetkar Kahani ka Uddeshya
नन्हा संगीतकार' कहानी का उद्देश्य: प्रस्तुत रचना 'नन्हा संगीतकार' हेनरिक सेंकेविच की एक चरित्र प्रधान रचना है जिसके माध्यम से कहानीकार का उद्देश्य यह बताना है कि ईश्वर सभी दरवाजे एक साथ बंद नहीं कर देता, बल्कि एक दरवाजा बन्द करता है तो दूसरा खोल देता है। यद्यपि जेन जन्म से ही दुनियाँ के लिए मरा हुआ था। तथा परिस्थितियाँ भी जिसमें जीवन्तता लाने के अनुकूल नहीं थी फिर भी वह जो कुछ सुन और समझ सकता था दूसरों के लिए सम्भव नहीं था। जिसे लोग निठल्ला, बेकार और कमजोर समझते थे, उसमें भी ईश्वर ने संगीत की अद्भुत कलात्मकता भर दी थी जिस प्रकार प्रकृति के कण-कण में ईश्वरीय सत्ता विद्यमान होती है किन्तु उसका किसी को अनुभव नहीं होता) उसी प्रकार जेन को तो प्रकृति के सभी उपादानों में संगीत की अजीब सी स्वर लहरी सुनाई देती थी किन्तु अन्य सभी उसकी इस विशेषता को समझ नहीं सकते थे। जेन की परिस्थितियां भी कुछ ऐसी थीं कि वह उसे संसार के सामने उजागर नहीं कर पाता था। उसे पग-पग पर निराशा और असफलता ने ऐसा तोड़ा मरोड़ा कि उसे ऐसा अवसर ही नहीं मिला कि वह अपने अन्दर के कलाकार को सबके सामने व्यक्त कर सके और सबको समझा सके कि संसार और संसार की सभी वस्तुएँ संगीतमय हैं। प्रस्तुत रचना में कहानीकार का प्रमुख उद्देश्य यही समझाना है कि किसी के अन्दर के कलाकार को हमें समझने की कोशिश करनी चाहिए और उसको विकसित बनाने के लिए उचित समय और साधन प्रदान करना चाहिए। तभी वह पल्लवित और पुष्पित हो सकेगी, अन्यथा उसी प्रकार से नष्ट हो जाएगी जिस प्रकार से जैन के साथ उसकी संगीत कला भी नष्ट हो गयी। जिसे न तो उसकी माँ समझ सकी, न उसके साथी जो हमेशा उसके साथ रहते थे। किसी में अन्तर्निहित विशेषता जन्मजात पैदा होती है और परिस्थितियों के संघातों से परिष्कृत और विकसित होती रहती है किन्तु परिस्थितियाँ जब इतनी प्रतिकूल हो जाती हैं कि मृत्यु का कारण बनकर उभरती हैं तो वही विशेषता व्यक्ति के लिए अभिशाप बन जाती है।
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