दो युवकों के मध्य ग्रीष्मावकाश बिताने के बारे में संवाद - इस संवाद लेखन के माध्यम से दो युवकों के मध्य ग्रीष्मावकाश बिताने के संबंध में संवाद लेखन प्र
दो युवकों के मध्य ग्रीष्मावकाश बिताने के बारे में संवाद - इस संवाद लेखन के माध्यम से दो युवकों के मध्य ग्रीष्मावकाश बिताने के संबंध में संवाद लेखन प्रस्तुत किया गया है।
दो युवकों के मध्य ग्रीष्मावकाश बिताने के बारे में संवाद
सतीश : सौरभ, गर्मी की छुट्टियों के लिए तुम्हारा क्या प्लान है?
सौरभ: मैंने अभी तक इसके बारे में वास्तव में नहीं सोचा है। क्या तुम्हारे पास कोई योजना है?
सतीश: खैर, मैं इस ग्रीष्मावकाश में कुछ नया सीखने या कोई नया शौक अपनाने के बारे में सोच रहा था।
सौरभ: अरे वाह, लेकिन हमें कौन सा हुनर या शौक अपनाना चाहिए?
सतीश: फोटोग्राफी के बारे में क्या ख्याल है? यदि हम अपने शहर के प्रसिद्ध स्थानों को घूमें और फिर उनकी तस्वीरें ले तो कैसा रहेगा ?
सौरभ: यह दिलचस्प लगता है! मुझे भी फोटोग्राफी बहुत पसंद हैं। लेकिन मेरे पास कैमरा नहीं है।
सतीश: हम अपने स्मार्टफोन से फोटो खींचकर शुरुआत कर सकते हैं। आगे चलकर हम एक अच्छा कैमरा में भी खरीद सकते हैं।
सौरभ: यह एक बहुत अच्छा विचार है! हम अपनी छुट्टियों के दौरान और क्या कर सकते हैं?
सतीश: हम गर्मी की छुट्टियों में समाज सेवा और वृक्षारोपण जैसे कार्य भी कर सकते।
सौरभ: यह भी एक अच्छा विचार है। हम किस प्रकार की सामुदायिक सेवा कर सकते हैं?
सतीश: हम वृद्धाश्रम में बड़े-बूढों की सेवा कर सकते हैं या अनाथालय में मदद कर सकते हैं। हम अपने मोहल्ले में रक्तदान शिविर भी लगा सकते हैं।
सौरभ: बहुत बढियां, मैं निश्चित रूप से इस नेक काम में तुम्हारे साथ हूं।
सतीश: धन्यवाद! और अंत में, हमें कुछ समय मनोरंजन के लिए भी निकालना चाहिए। हम अपने दोस्तों के साथ कैंपिंग ट्रिप पर जा सकते हैं।
सौरभ: हाँ, दोस्तों के साथ कैम्पिंग करने से अधिक मनोरंजक कुछ हो ही नहीं सकता।
सतीश: मैं भी, सौरभ! आइए अपनी छुट्टियों का अधिकतम लाभ उठाएं और कुछ अद्भुत यादें बनाएं।
दो मित्रों के बीच गर्मी की छुट्टियाँ बिताने को लेकर संवाद लेखन
महेश : बहुत गर्मी लग रही है।
सतीश : मैं तो गर्मियों की छुट्टियों का इंतज़ार कर रहा हूँ।
महेश : इस बार कहाँ जाने का विचार है ?
सतीश : मेरे पिता जी ने शिमला जाने के लिए रेल की बुकिंग करवाई है।
महेश : तब तो तुम्हें गर्मी की छुट्टियों में बहुत आनंद आयेगा।
सतीश : हाँ, मैंने सुना है शिमला में बर्फ गिरती है। मेरे पिता जी बता रहे थे की वहाँ देश-विदेश से सैलानी भी घूमने आते हैं।
महेश : सचमुच तुम्हें तो बहुत मज़ा आयेगा।
सतीश : तुम गर्मी की छुट्टियाँ कैसे बिताओगे ?
महेश : मैंने इसके बारे में अभी तक कुछ नहीं सोचा है।
सतीश : अगर ऐसा है तो तुम हमारे साथ शिमला चलो। इससे हमारा मजा दोगुना हो जायेगा। मैं तुम्हारे पिता से चलकर आज्ञा ले लेता हूँ। यदि वे हाँ कर देंगे तो मैं अपने पिता से तुम्हारे लिए भी एक टिकेट मंगवाने के लिए कह दूँगा।
महेश : धन्यवाद, तुम मेरे सबसे अच्छे मित्र हो।
COMMENTS