मार्टिन लूथर किंग पर निबंध / Martin Luther King Essay in Hindi : मार्टिन लूथर किंग महान नायक थे, जिन्होंने अमेरिका में नीग्रो लोगों के समान अधिकारों के लिये संघर्ष किया। उनके संघर्ष का माध्यम अहिंसा था। जीवन-भर मानव अधिकारों के लिये संघर्ष करने के कारण उन्हें 1964 में नोबल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। लूथर का जन्म 1929 में अटलांटा में हुआ था। उन्होंने बोस्टन युनिवर्सिटी से थियोलॉजी (धर्म का अध्ययन) की पढ़ाई की। वह चर्च सर्विस से जुड़ गये और अमेरिका में बपतिस्मा मंत्री बने। एक मंत्री के रूप में कार्य करते हुए उन्होंने देखा कि अमेरिका के काले और गोरे लोगों में अत्यधिक अंतर है। काले लोगों का अपमान किया जाता है।
मार्टिन लूथर किंग पर निबंध / Martin Luther King Essay in Hindi
मार्टिन लूथर किंग महान नायक थे, जिन्होंने अमेरिका में नीग्रो लोगों के समान अधिकारों के लिये संघर्ष किया। उनके संघर्ष का माध्यम अहिंसा था। जीवन-भर मानव अधिकारों के लिये संघर्ष करने के कारण उन्हें 1964 में नोबल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
लूथर का जन्म 1929 में अटलांटा में हुआ था। उन्होंने बोस्टन युनिवर्सिटी से थियोलॉजी (धर्म का अध्ययन) की पढ़ाई की। वह चर्च सर्विस से जुड़ गये और अमेरिका में बपतिस्मा मंत्री बने। एक मंत्री के रूप में कार्य करते हुए उन्होंने देखा कि अमेरिका के काले और गोरे लोगों में अत्यधिक अंतर है। काले लोगों का अपमान किया जाता है। उनके नेता होने के कारण लूथर ने संघर्ष करने का निर्णय लिया और नागरिक अधिकारों के अभियान से जुड़ गये। उन्होंने अपने संघर्षों के लिये शांतिपूर्ण और अहिंसक तरीकों का उपयोग किया।
लूथर ने अपना आंदोलन बड़े गरिमामय तरीके से चलाया और सभी नस्लों के लोगों को शामिल किया। नीग्रो लोगों के लिये लड़ने के तरीके ऐसे थे, जिनकी गोरे समुदाय ने भी सराहना की। उन्होंने ‘सदर्न क्रिश्चियन लीडरशिप कांफ्रेंस’ की स्थापना की। वह एक बहतरीन विचारक और प्रभावकारी वक्ता थे, अत: न्याय के लिये लोगों को लामबंद कर लेते थे। वह न्याय का प्रतीक बन गये। 1959 में लूथर ने भारत की यात्रा की और गांधीजी की शांति की विचाराधारा में अपना विश्वास व्यक्त किया। वह दक्षिण अफ्रीका में प्रचलित नस्लभेद या सामाजिक प्रथक्करण नीति के आलोचक थे। 1963 में लूथर ने वाशिंगटन में अपने आंदोलन की शक्ति दिखने के लिये एक विशाल मार्च का आयोजन किया।
4 अप्रैल 1968 को गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई और इस प्रकार वह अपने उद्देश्य के लिये शहीद हो गये।
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