भारतीय जादूगर पर निबंध। Essay on Magician in Hindi : एक भारतीय जादूगर सामान्यतया भारतीय सड़कों और बाजारों में देखा जा सकता है। वह अपने ढीले कुर्ते, धोती, पगड़ी से आसानी से पहचाना जा सकता है। वह सामान्यतः उन स्थानों पर जाना पसन्द करता है जहाँ बच्चे हों। यह अधिकतर भारतीय मेलों में पाये जाते है। कभी-कभी स्कूलों में भी इन्हें प्रदर्शन के लिए बुलाया जाता है। वह सामान्यत: सड़क के किनारे एक चहल-पहल वाला, खुला स्थान चुनता है। वह कभी भी बड़ी कोठियों, विद्यालयों के सामने अपना जादू दिखाने में कभी नहीं हिचकता। दर्शकगण को इकट्ठा करने के लिए वह अपना ड्रम और बांसुरी बजाता है। ड्रम और बांसुरी इसके जादू शुरू होने का संकेत है। बच्चे इसके जादू को देखने के लिए बड़े उत्साहित होते हैं। जैसे ही वह ड्रम की आवाज सुनते हैं वे जादू वाले के पास चारों ओर इकट्ठा हो जाते हैं।
प्रस्तावना- एक भारतीय जादूगर सामान्यतया भारतीय सड़कों और बाजारों में देखा जा सकता है। वह अपने ढीले कुर्ते, धोती, पगड़ी से आसानी से पहचाना जा सकता है। वह सामान्यतः उन स्थानों पर जाना पसन्द करता है जहाँ बच्चे हों। यह अधिकतर भारतीय मेलों में पाये जाते है। कभी-कभी स्कूलों में भी इन्हें प्रदर्शन के लिए बुलाया जाता है।
स्थान का चुनाव- वह सामान्यत: सड़क के किनारे एक चहल-पहल वाला, खुला स्थान चुनता है। वह कभी भी बड़ी कोठियों, विद्यालयों के सामने अपना जादू दिखाने में कभी नहीं हिचकता। दर्शकगण को इकट्ठा करने के लिए वह अपना ड्रम और बांसुरी बजाता है। ड्रम और बांसुरी इसके जादू शुरू होने का संकेत है। बच्चे इसके जादू को देखने के लिए बड़े उत्साहित होते हैं। जैसे ही वह ड्रम की आवाज सुनते हैं वे जादू वाले के पास चारों ओर इकट्ठा हो जाते हैं।
शानदार जादू- भारतीय जादूगर की जादू की चालें बहुत ही प्रसिद्ध होती है। इसलिए वह विश्वभर में प्रसिद्ध होता है। पीतल की अनेक बेल्टों को वायु में एक साथ फेंककर उनको बारी-बारी से पकड़ लेना इसका सबसे साधारण जादू है। यह जादू वह लम्बे समय तक जारी रखता है और यह सांस थाम कर देखा जाता है। सब दर्शक यह सोचते हैं कि अगर इससे गलत हो गयी तो पीतल की बेल्ट इसको जोर से लग जायेगी लेकिन उनमें से एक भी पीतल की बेल्ट नहीं गिरती है। जादूगर की ऑखें उन बेल्टों का अनुसरण करती रहती हैं। बेल्ट जैसे ऊपर जाती हैं और फिर नीचे आती हैं उसके हाथ किसी मशीन की भाँति उसको पकड़ लेते हैं। वह यह कौशल बिना गलती किये हुए प्रदर्शित करता है। उसका यह कौशल बहुत लम्बे प्रशिक्षण और भक्ति का फल होता है। किसी निबन्धकार ने भी कहा है कि खतरा सबसे अच्छा अध्यापक होता है। जादूगर जानता है कि अगर उससे छोटी सी भी भूल हो गयी तो दर्शक उसके जादू को पसन्द नहीं करेंगे इसलिए वह गलती नहीं करता है। आम के पेड़ को बड़ा करना भी जादूगर का एक साधारण कौशल है। यह जादू भी बहुत पसन्द किया जाता है। वह एक आम का बीज बोता है और उस पर जल छिड़कता है फिर उसको टेकरी से ढक देता है। कुछ समय बाद वह उस टोकरी को उठाता है तो वहीं आम का पौधा उग आता है। वह पौधा जल्द ही वृक्ष बन जाता है और उस पर उगे आम वह दर्शकों के बीच बाँट देता है। वह यह कैसे करता है? न ही विज्ञान और न ही दर्शनशास्त्र इस पर अपनी कोई ब्याख्या दे सका है।
अदभुत बचाव- यह भी इसकी शानदार जादू की चालों में से एक है। वह एक लड़के को जो उसके साथ होता है, बक्से में बंद कर देता है और उस पर कपड़ा डाल देता है अर्थात् बक्से को कपड़े से ढक देता है। फिर वह उस बक्से को एक नुकीले औजार से चुभाता है। दर्शक सोचते हैं कि लड़का शायद मर जायेगा या बुरी तरह घायल हो जायेगा। लेकिन जब वह कपड़ हटाता है तो टोकरी में कोई नहीं होता और वह लड़का दर्शकों के बीच में होता है। यह देखकर सब आश्चर्यचकित रह जाते हैं।
उपसंहार- यह तो भारतीय जादूगर के कुछ ही जादू थे। उसके तो सैंकड़ों जादू होते हैं। अनेक विद्यार्थियों ने इसकी जादू की चालों को समझने की कोशिश की है लेकिन यह एक रहस्य है। वास्तव में वह एक जादूगर होता है।
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