सेल्फी सही या गलत हिंदी निबंध: आधुनिक जीवन में सेल्फी एक सर्वव्यापी ट्रेंड बन चुका है। स्मार्टफोन के कैमरों ने मानो हर किसी को फोटोग्राफर बना दिया है।
सेल्फी सही या गलत हिंदी निबंध - Selfie Sahi ya Galat Hindi Nibandh
सेल्फी सही या गलत हिंदी निबंध: आधुनिक जीवन में सेल्फी एक सर्वव्यापी ट्रेंड बन चुका है। स्मार्टफोन के कैमरों ने मानो हर किसी को फोटोग्राफर बना दिया है। हर कोई अपनी सेल्फी खींचकर सोशल मीडिया पर शेयर करता है। लेकिन क्या सेल्फी लेना सही है या गलत? इस सवाल का कोई आसान जवाब नहीं है।
निस्संदेह, सेल्फी के कुछ फायदे हैं। यह आत्म-अभिव्यक्ति का एक शानदार माध्यम है। हम अपनी तस्वीरों के जरिए दुनिया को बता सकते हैं कि हम कौन हैं, क्या पसंद करते हैं, और कैसा महसूस करते हैं। यात्राओं की यादें समेटने के लिए भी सेल्फी बेहतरीन विकल्प हैं।
हालांकि, सेल्फी के नकारात्मक पहलुओं को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। कभी-कभी सेल्फी का जुनून इतना हावी हो जाता है कि हम असल दुनिया को भूल जाते हैं। हर पल को कैमरे में कैद करने की चाहत में हम आसपास के अनुभवों को जीने से चूक जाते हैं। सोशल मीडिया पर दूसरों की परफेक्ट तस्वीरें देखकर हम अपनी तुलना करने लगते हैं, जिससे हीनभावना और अवसाद का जन्म होता है।
कुछ लोगों के लिए सेल्फी एक जुनून बन जाती है। वे परफेक्ट सेल्फी के लिए, किसी भी हद तक जा सकते हैं। इस तरह की लापरवाही न सिर्फ खुद के लिए बल्कि आसपास के लोगों के लिए भी खतरनाक साबित हो सकती है। कई बार लोग खतरनाक जगहों जैसे ऊँची इमारतों, रेल की पटरियों या पानी के किनारे सेल्फी लेने के चक्कर में कई लोग अपनी जान जोखिम में डाल देते हैं। भारत सहित कई देशों में सेल्फी के कारण दुर्घटनाएँ और मौतें भी हो चुकी हैं।
तो क्या सेल्फी लेना पूरी तरह से गलत है? बिल्कुल नहीं! लेकिन जरूरी है कि हम ज़िम्मेदार बनें। सेल्फी एक पल को कैद करने का ज़रिया है, न कि ज़िंदगी जीने का तरीका। क्योंकि असली खुशी किसी फिल्टर या सोशल मीडिया की मोहताज नहीं होती, बल्कि हमारे अपने जीवन के सच्चे और सुंदर अनुभवों में छुपी होती है। इसलिए सेल्फी लें, पर संयम और जिम्मेदारी के साथ।
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