आवश्यकता आविष्कार की जननी है हिंदी निबंध: “आवश्यकता आविष्कार की जननी है” — यह एक बहुत प्रसिद्ध कहावत है, जिसका अर्थ है कि जब किसी चीज़ की ज़रूरत बहुत
आवश्यकता आविष्कार की जननी है हिंदी निबंध (Necessity is The Mother of Invention Essay in Hindi)
आवश्यकता आविष्कार की जननी है हिंदी निबंध: “आवश्यकता आविष्कार की जननी है” — यह एक बहुत प्रसिद्ध कहावत है, जिसका अर्थ है कि जब किसी चीज़ की ज़रूरत बहुत ज़्यादा होती है, तो इंसान कोई न कोई उपाय खोज ही लेता है। यही उपाय आगे चलकर एक नया आविष्कार बन जाता है।
प्राचीन समय में जब मनुष्य जंगलों में रहता था, तब उसने ठंड से बचने, भोजन पकाने और सुरक्षा के लिए आग की आवश्यकता को महसूस किया। पत्थरों को रगड़कर आग जलाना मानव इतिहास का पहला वैज्ञानिक प्रयोग कहा जा सकता है। अगर हम गहराई से देखें तो हर बड़ा आविष्कार एक छोटी-सी जरूरत से शुरू हुआ। थॉमस एडिसन ने बल्ब इसलिए बनाया क्योंकि अंधेरे में काम करना मुश्किल था। ग्राहम बेल ने टेलीफोन इसलिए बनाया क्योंकि दूर बैठे अपने प्रियजनों से बात करने की ज़रूरत थी।
इस प्रकार हमारे आसपास की दुनिया में जितनी भी चीज़ें हैं — जैसे बिजली, मोबाइल, गाड़ी, इंटरनेट, पंखा, वॉशिंग मशीन, कूलर और कंप्यूटर — ये सब किसी न किसी आवश्यकता से ही जन्मी हैं। आधुनिक युग में, औद्योगिक क्रांति इसी सोच का परिणाम थी। जब लोगों को बड़े स्तर पर उत्पादन की ज़रूरत पड़ी, तो कारखाने, मशीनें और इंजन अस्तित्व में आए। बाद में, जब दुनिया को तेज़ संचार और सूचना के आदान-प्रदान की ज़रूरत हुई, तो टेलीफोन, इंटरनेट, और मोबाइल फोन जैसे आविष्कार हुए।
आज का युग विज्ञान और टेक्नोलॉजी का युग है। महामारी के समय जब स्कूल बंद हो गए, तब ऑनलाइन पढ़ाई की आवश्यकता पड़ी। इसी ज़रूरत से ज़ूम, गूगल मीट, और ऑनलाइन क्लासेज़ आम हो गए। डॉक्टर से मिलने नहीं जा सके, तो टेलीमेडिसिन शुरू हुई। दुकानों तक जाना मुश्किल हुआ, तो ऑनलाइन शॉपिंग और होम डिलीवरी बढ़ गई। जब ज़रूरत सामने आती है, तो इंसान नया रास्ता निकाल ही लेता है।
स्टार्टअप कल्चर भी इसी सिद्धांत पर टिका है। जब कोई युवा किसी समस्या को महसूस करता है और सोचता है कि इसका कोई बेहतर तरीका हो सकता है, तो वहीं से एक नई शुरुआत होती है। आज के ऐप्स — जैसे स्विगी, ज़ोमैटो, ओला, उबर, नेटफ्लिक्स, अमेज़न — ये सब इसलिए सफल हुए क्योंकि इन्होंने हमारी किसी ज़रूरत को सरल और तेज़ ढंग से पूरा किया।
इसलिए जब तक इंसान सोचता रहेगा, समस्याओं से जूझता रहेगा, और समाधान खोजने की ललक रखेगा — तब तक आविष्कार होते रहेंगे। आवश्यकता ही वो ताकत हैं जो इंसान को कुछ नया करने के लिए प्रेरित करती हैं। लेकिन हमें यह भी याद रखना चाहिए कि हर आविष्कार का उद्देश्य केवल समस्या का समाधान होना चाहिए, न कि नई समस्याओं को जन्म देना।
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