ईद पर निबंध: ईद जिसे ईद-उल-फितर के नाम से भी जाना जाता है, इस्लाम का प्रसिद्ध त्यौहार है। यह त्योहार दुनियाभर में मुसलमानों द्वारा बड़े उत्साह और उल्ल
ईद पर निबंध - Essay on Eid in Hindi
ईद पर निबंध: ईद जिसे ईद-उल-फितर के नाम से भी जाना जाता है, इस्लाम का प्रसिद्ध त्यौहार है। यह त्योहार दुनियाभर में मुसलमानों द्वारा बड़े उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जाता है। ईद-उल-फितर का अर्थ होता है "उपवास तोड़ने का त्यौहार"। इसीलिए यह त्यौहार यह रमज़ान के पवित्र महीने के समापन पर मनाया जाता है। इस निबंध में हम ईद के महत्व, इसकी परंपराओं और इसके सामाजिक व सांस्कृतिक प्रभावों पर विचार करेंगे।
ईद-उल-फितर का महत्व
ईद-उल-फितर रमज़ान के पवित्र महीने के अंत में मनाई जाती है। रमज़ान इस्लाम धर्म में एक ऐसा महीना है, जिसमें लोग उपवास रखते हैं, आत्मसंयम का पालन करते हैं और अल्लाह की इबादत में समय बिताते हैं। इस महीने में सूरज उगने से पहले से लेकर सूरज ढलने तक रोज़ा रखा जाता है। रोज़े के दौरान न केवल खान-पान से परहेज किया जाता है, बल्कि बुरे विचारों और कर्मों से भी बचा जाता है।
रमज़ान के समापन पर चांद देखकर ईद-उल-फितर मनाई जाती है। इसे "मीठी ईद" भी कहा जाता है, क्योंकि इस दिन विशेष मिठाइयां बनाई जाती हैं, जैसे कि सिवईं। ईद-उल-फितर का मुख्य उद्देश्य है अल्लाह का शुक्रिया अदा करना और जरूरतमंदों की मदद करना। ईद के दिन सभी व्रत रखने वाले ईदगाह में जाकर नमाज पढ़ते हैं। और अल्लाह से दुआएं मांगते हैं। इस दिन लोग "फितरा" नामक दान देते हैं, जो यह सुनिश्चित करता है कि गरीब और असहाय लोग भी इस त्योहार की खुशियों में शामिल हो सकें।
ईद की तैयारियां: ईद मुस्लिम धर्म का एक बड़ा त्यौहार है। इस दिन सभी लोग प्रसन्न दिखाई देतें हैं। सभी नए-नए कपड़े धारण करते हैं। छोटे बच्चे अत्यंत खुश होते हैं। वे प्रसन्न होकर इधर-उधर घूमते रहते हैं। एक-दूसरे से मिलते जुलते हैं। सभी ईद ईदगाह में इकठ्ठे होते हैं। जब धर्मगुरु आदेश देता है तो वे परमात्मा की वंदना करते हैं। सफ़ेद पोशाक में जब वे एक पंक्ति में खड़े होते हैं तो उनकी कतारें मन को आकर्षित करती हैं। नमाज के बाद वे घर आकर त्यौहार मनाते हैं। बाजारों से विभिन्न झांकियां निकाली जाती हैं। बैंड बाजों की ध्वनि के साथ सभी प्रसन्न दिखाई देतें हैं। सभी एक दूसरे से ईद मिलते हैं व एक-दूसरे को उपहार बांटते हैं। बालक व बालिकाएं चमकीले वस्त्र व आभूषण पहनते हैं। सभी एक दूसरे के गले मिलकर भाईचारे की भावना प्रकट करते हैं।
ईद का वर्णन: घर-घर में पकवान बनाये जाते हैं। दूर-दूर से लोग ईद मनाने के लिए अपने निवास स्थान में जाते हैं और एक-दूसरे से गले मिलते हैं। ईद पर मेले का भी आयोजन किया जाता है तथा अनेकों प्रकार की दुकानें सजाई जाती हैं। बच्चे तरह-तरह के खिलोने एवं खाने-पीने की वस्तुएं खरीदते हैं। गृहस्थ लोग अपनी आवश्यकता की वस्तुएं खरीदते हैं। रात को मुशायरा और कव्वाली का आयोजन होता है। ईद का त्यौहार भाईचारे के साथ मानाने के लिए देश की सरकार पूर्ण प्रबंध करती है। पुलिस का भी प्रबंध किया जाता है। शहर में पूरी तरह सफाई की जाती है और बाजारों को सजाया जाता है।
इस प्रकार ईद का त्यौहार भारत का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है। पूरे महीने के रमजान व्रत के बाद चंद्र दर्शन का महत्त्व है। चंद्र दर्शन की घोषणाएं मौलवी पूर्व ही की जाती हैं। इस प्रकार ईद का त्यौहार असीम प्रसन्नताओं के साथ सम्पन्न होता है। हमारे देश के त्यौहार भारत को अखंड रखने में पूर्ण रूप से सफल हैं।
उपसंहार: भारत की अखंडता के लिए ईद जैसे त्यौहार का अत्यंत महत्त्व है। हिन्दू, मुसलमान, सिख और ईसाई सभी आपस में एक-दूसरे से गले मिलकर बुराई को दूर कर लेते हैं। और प्रेम की धारा बहने लगती है। होली, दिवाली, दशहरा, ईद और क्रिसमस जैसे सभी त्यौहारों को आपस में मिलकर मनाने की प्रथा तो भारत में ही देखने को मिल सकती है। ईश्वर करे की ईद जीवन में बार-बार आये और भारत को अखंडता प्रदान करती रहे।
COMMENTS