10 Lines on Madan Mohan Malviya in Hindi: 25 दिसम्बर 1861 को प्रयागराज में जन्मे पंडित मदन मोहन मालवीय भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता और शिक्ष
10 Lines on Madan Mohan Malviya in Hindi: 25 दिसम्बर 1861 को प्रयागराज में जन्मे पंडित मदन मोहन मालवीय भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता और शिक्षाविद थे। यह निबंध 10 लाइन में पंडित मदन मोहन मालवीय के जीवन, उनके कार्यों जैसे बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना और स्वतंत्रता संग्राम में योगदान के बारे में बताता है।
10 Lines on Madan Mohan Malviya in Hindi - पंडित मदन मोहन मालवीय पर 10 लाइन का निबंध हिंदी में for Class 1, 2, 3, 4 & 5
- मदन मोहन मालवीय भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता और समाज सुधारक थे।
- पंडित मदन मोहन मालवीय का जन्म 25 दिसम्बर 1861 को प्रयागराज में हुआ था।
- मालवीय जी ने 1916 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) की स्थापना की।
- मदन मोहन मालवीय जी के पिता का नाम पंडित बृजनाथ और माता का नाम मुनादेवी था।
- पंडित जी के पिता पंडित ब्रजनाथ संस्कृत के प्रसिद्ध विद्वान और कथा वाचक थे।
- मालवीय जी की शिक्षा प्रारंभिक रूप से संस्कृत और धार्मिक ग्रंथों के अध्ययन से शुरू हुई।
- मालवीय जी ने हाई स्कूल की शिक्षा प्रयागराज से और स्नातक की शिक्षा कलकत्ता विश्वविद्यालय से पूरी की।
- मालवीय जी का व्यक्तित्व सरल, विनम्र और प्रेरणादायक था।
- वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के चार बार अध्यक्ष रहे और स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- मदन मोहन मालवीय जी को उनके काम के लिए "महामना" की उपाधि दी गई।
- उनका मानना था कि भारत की आत्मा उसकी संस्कृति, शिक्षा और भाषा में बसती है।
- उन्होंने अपने जीवनकाल में अभ्युदय, हिन्दुस्तान और दी लीडर जैसे अखबारों का सम्पादन किया।
- उनके भाषण प्रेरणादायक होते थे, जिनसे लोग स्वतंत्रता संग्राम के लिए प्रेरित होते थे।
- उन्होंने समाज में जाति और धार्मिक भेदभाव को समाप्त करने के लिए कई प्रयास किए।
- १२ नवंबर 1946 को 84 वर्ष की आयु में बनारस में मालवीय जी का निधन हो गया।
- सन् 2014 में पंडित जी को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
निष्कर्ष:
मदन मोहन मालवीय भारतीय इतिहास के एक महान व्यक्तित्व थे, जिन्होंने शिक्षा, संस्कृति और स्वतंत्रता संग्राम में अपना अभूतपूर्व योगदान दिया। उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना करके शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाई। उनके आदर्श, विचार, और कार्य आज भी युवाओं को प्रेरित करते हैं। वे सच्चे अर्थों में भारतीय समाज के मार्गदर्शक थे।
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