10 Lines on Kumbhalgarh Fort in Hindi: कुम्भलगढ़ का किला राजस्थान में स्थित है, इस किले का निर्माण महाराणा कुम्भा ने करवाया था। यह निबंध १० लाइन में कु
10 Lines on Kumbhalgarh Fort in Hindi: कुम्भलगढ़ का किला राजस्थान में स्थित है, इस किले का निर्माण महाराणा कुम्भा ने करवाया था। यह निबंध १० लाइन में कुम्भलगढ़ के किले की विशेषताएं, ऐतिहासिक महत्व और वास्तुकला के बारे में जानकारी प्रदान करता है।
10 Lines on Kumbhalgarh Fort in Hindi - कुम्भलगढ़ के किले पर १० लाइन का निबंध for Class 1, 2, 3, 4 & 5
- कुम्भलगढ़ किला राजस्थान के राजसमंद जिले में स्थित एक ऐतिहासिक दुर्ग है।
- इस किले का निर्माण महान मेवाड़ शासक महाराणा कुम्भा ने 15वीं शताब्दी में करवाया था।
- कुम्भलगढ़ का किला अरावली पर्वतमाला में 3600 फीट की ऊँचाई पर बना हुआ है।
- कुम्भलगढ़ किला महाराणा प्रताप जैसे वीर योद्धा का जन्मस्थान भी है।
- इस किले की दीवारें 36 किलोमीटर लंबी हैं, दुनिया की दूसरी सबसे लंबी दीवार बनाती हैं।
- किले की दीवार इतनी चौड़ी है कि उस पर आठ घोड़े एक साथ दौड़ सकते हैं।
- कुम्भलगढ़ किला अपने समय में मेवाड़ राज्य का अभेद्य गढ़ माना जाता था।
- कुम्भलगढ़ किले के अंदर लगभग 360 से अधिक हिंदू और जैन मंदिर हैं।
- किले में सात प्रवेश द्वार हैं- अरैत पोल, हुल्ला पोल, हनुमान पोल, राम पोल, भैरों पोल, निंबू पोल और पघड़ा पोल।
- कुम्भलगढ़ किला के मुख्य द्वार को 'राम पोल' के नाम से जाना जाता है।
- इस किले की वास्तुकला राजपूत शैली में बनाई गई है, जो इसे भव्य और आकर्षक बनाती है।
- कुम्भलगढ़ किला का निर्माण रक्षा और सुरक्षा के लिए किया गया था।
- यह किला रणथंभौर, चित्तौड़गढ़, और मेवाड़ की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था।
- कुम्भलगढ़ किला मेवाड़ की ताकत और शौर्य का प्रतीक माना जाता है।
- इस किले में रानी का महल और बादल महल प्रमुख आकर्षण के केंद्र हैं।
- 2013 में कुम्भलग्रह के किले को UNESCO विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी गयी।
- यहाँ हर साल 'कुम्भलगढ़ महोत्सव' मनाया जाता है, जिसमें कई सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं।
निष्कर्ष: कुम्भलगढ़ किला राजस्थान का एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल है, जो भारत के गौरवशाली इतिहास और वास्तुकला का प्रतीक है। किले के चारों ओर गहरी खाई और पहाड़ियाँ इसकी सुरक्षा के लिए बनाई गई थीं।कुम्भलगढ़ किला एक बार दुश्मनों के घेराबंदी में भी रहा, लेकिन इसे कभी कोई जीत नहीं सका।
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