10 Lines on Camel in Hindi: ऊंट, जिसे रेगिस्तान का जहाज कहा जाता है, एक महत्वपूर्ण जानवर है। ऊंट का वैज्ञानिक नाम Camelus dromedarius है। 10 लाइन में
10 Lines on Camel in Hindi: ऊंट, जिसे रेगिस्तान का जहाज कहा जाता है, एक महत्वपूर्ण जानवर है। ऊंट का वैज्ञानिक नाम Camelus dromedarius है। 10 लाइन में ऊंट का महत्व, वैज्ञानिक नाम, उपयोग और रेगिस्तानी जीवन में ऊंट के महत्व के बारे में जानकारी प्रदान करता है।
10 Lines on Camel in Hindi - ऊंट पर 10 लाइन का निबंध हिंदी में for Class 1, 2, 3, 4 & 5
- ऊंट एक विशालकाय जानवर है, जो रेगिस्तानी इलाकों में पाया जाता है।
- यह एक शाकाहारी जानवर है, जो मुख्यतः सूखी झाड़ियाँ, काँटेदार पौधे, घास और पत्तियाँ खाता है।
- ऊंट का वजन लगभग 400 से 600 किलोग्राम तक होता है।
- इसके पैर गद्दीदार होते हैं जो रेत में चलने में सहायक होते हैं।
- रेत में चल सकने की खूबी के कारण इसे रेगिस्तान का जहाज भी कहा जाता है।
- ऊंट की ऊँचाई सामान्यतः 6 से 7 फुट तक होती है।
- इसके पैर बहुत लम्बे होते हैं, जबकि मुँह छोटा होता है।
- इसकी लंबी गर्दन और छोटा सिर इसे दूर तक देखने में सहायता करते हैं।
- ऊंट दो प्रकार के होते हैं - एक कूबड़ वाला ऊंट और दो कूबड़ वाला ऊंट।
- यह लंबे समय तक बिना भोजन और पानी के जीवित रह सकता है।
- इसके पेट में एक बहुत बड़ी थैली होती है जिसमे ये पानी का संग्रह करते हैं।
- उंट की रफ्तार लगभग 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटा होती है।
- ऊंट की औसत उम्र 40 से 50 साल के बीच होती है।
- ऊँट के दूध को पोषक तत्वों से भरपूर माना जाता है।
- ऊंट की खाल से चमड़ा बनाया जाता है, जिसका उपयोग जूते और बैग बनाने में किया जाता है।
- ऊंट के बालों का उपयोग कम्बल और कोट बनाने में किया जाता है।
- कई देशों जैसे अरब में ऊंट का मांस भोजन के रूप में खाया जाता है।
- राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यों में ऊंट का उपयोग कृषि कार्य में भी किया जाता है।
- यह रेगिस्तानी क्षेत्रों में यात्रा करने और माल ढोने का प्रमुख साधन है।
- इसीलिए रेगिस्तानी इलाकों में ऊँट को एक महत्वपूर्ण जीव माना जाता है।
निष्कर्ष:
ऊंट रेगिस्तानी इलाकों में रहने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण जानवर होता है। ऊंट की आंखें बड़ी और आकर्षक होती हैं। इसकी पलकें घनी और लंबी होती हैं, जो रेगिस्तानी धूल से उसकी रक्षा करती हैं। भारत के राजस्थान राज्य में ऊँट का विशेष स्थान है। ऊँट यहाँ की लोककथाओं, गीतों और लोककला का अभिन्न हिस्सा है। जैसलमेर का प्रसिद्ध “डेजर्ट फेस्टिवल” ऊँटों के बिना अधूरा है।
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