10 Lines about Dadabhai Naoroji in Hindi: दादाभाई नौरोजी एक शिक्षाशास्त्री और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। यह निबंध 10 लाइन में दादाभाई नौरोजी के जीव
10 Lines about Dadabhai Naoroji in Hindi: दादाभाई नौरोजी एक शिक्षाशास्त्री और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। यह निबंध 10 लाइन में दादाभाई नौरोजी के जीवन, कार्य और स्वतंत्रता आंदोलन में उनके योगदान के बारे में बताता है। जानिये कैसे इस 'ग्रैंड ओल्ड मैन ऑफ इंडिया' ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को दिशा दी, ब्रिटिश शासन के आर्थिक शोषण का खुलासा किया, और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
10 Lines about Dadabhai Naoroji in Hindi - दादाभाई नौरोजी के बारे में 10 लाइन का निबंध हिंदी में for Class 1, 2, 3, 4 & 5
- दादाभाई नौरोजी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख नेता थे।
- दादाभाई का जन्म 4 सितंबर 1825 को मुंबई में हुआ था।
- उन्हें "ग्रैंड ओल्ड मैन ऑफ़ इंडिया" के नाम से भी जाना जाता है।
- वे पहले भारतीय थे जिन्होंने ब्रिटिश संसद में सांसद के रूप में सेवा दी।
- दादाभाई नौरोजी का व्यक्तित्व बहुत ही प्रभावशाली और विनम्र था।
- वे एक महान अर्थशास्त्री, शिक्षाविद् और समाज सुधारक थे।
- दादाभाई ने भारत में ब्रिटिश शासन द्वारा किए गए आर्थिक शोषण का खुलासा किया।
- उन्होंने "ड्रेनेज ऑफ वेल्थ" थ्योरी दी, जिसमें बताया कि कैसे अंग्रेज भारत का धन लूट रहे थे।
- दादाभाई नौरोजी ने भारतीयों में जागरूकता फैलाने का काम किया।
- उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- दादाभाई नौरोजी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के दूसरे अध्यक्ष बने।
- नौरोजी का उद्देश्य भारत को अंग्रेजों की दासता से स्वतंत्र कराना था।
- वे सत्य, अहिंसा और शांतिपूर्ण आंदोलन के समर्थक थे।
- उन्होंने शिक्षा के महत्व पर जोर दिया और भारतीय युवाओं को शिक्षित करने का आह्वान किया।
- नौरोजी का मानना था कि शिक्षा ही देश के विकास का मूल आधार है।
- उनकी पुस्तक "पॉवर्टी एंड अनब्रिटिश रूल इन इंडिया" ने ब्रिटिश शासन का असली चेहरा उजागर किया।
- उन्होंने लंदन में रहकर भी, भारतीयों के अधिकारों की लड़ाई लड़ी।
- नौरोजी का जीवन अनुशासन, कड़ी मेहनत और समर्पण का प्रतीक था।
- उनके विचारों और संघर्षों ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को दिशा दी।
- 30 जून 1917 को गुजरात के नवसारी जिले में दादाभाई नौरोजी का निधन हो गया।
निष्कर्ष:
दादाभाई नौरोजी का योगदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अतुलनीय है। उन्होंने भारतीय समाज को जागरूक किया और इंग्लैंड में भारत के आर्थिक शोषण के खिलाफ आवाज उठाई। दादाभाई का उद्देश्य एक स्वतंत्र और समृद्ध भारत का निर्माण करना था। हमें उनके विचारों से प्रेरणा लेकर अपने देश के विकास के लिए कार्य करना चाहिए।
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