10 Lines on Jainism in Hindi: जैन धर्म भारत का एक प्राचीन धर्म है, जिसकी स्थापना महावीर स्वामी ने की थी। यह निबंध 10 लाइन में जैन धर्म की विशेषताएँ, उ
10 Lines on Jainism in Hindi: जैन धर्म भारत का एक प्राचीन धर्म है, जिसकी स्थापना महावीर स्वामी ने की थी। यह निबंध 10 लाइन में जैन धर्म की विशेषताएँ, उसके मुख्य सिद्धांत जैसे अहिंसा और जैन धर्म के दर्शन के बारे में बताता है।
10 Lines on Jainism in Hindi - जैन धर्म पर 10 लाइन का निबंध हिंदी में for Class 1, 2, 3, 4 & 5
- जैन धर्म भारत का एक प्राचीन धर्म है, जिसकी स्थापना महावीर स्वामी ने की थी।
- इसका मूल सिद्धांत अहिंसा है, जो सभी जीवों के प्रति करुणा और प्रेम का भाव सिखाता है।
- जैन अनुयायी सभी जीवों के प्रति करुणा और दया का भाव रखते हैं।
- जैन धर्म में तीर्थंकरों का महत्वपूर्ण स्थान है, जिनमें महावीर स्वामी अंतिम तीर्थंकर हैं।
- जैन धर्म में भगवान महावीर के अलावा 23 और तीर्थंकरों की भी पूजा की जाती है।
- जैन धर्म को दो मुख्य शाखाओं में बांटा गया है- श्वेताम्बर तथा दिगंबर।
- जैन धर्म के लोग शाकाहारी होते हैं और किसी भी प्रकार की हिंसा से दूर रहते हैं।
- जैन धर्म में मांसाहार और शराब का सेवन वर्जित माना जाता है।
- जैन धर्म में तप और साधना को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।
- जैन अनुयायी ध्यान, प्रार्थना और उपवास के माध्यम से आत्मा की शुद्धि करते हैं।
- जैन धर्म के पांच प्रमुख सिद्धांत हैं: अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह।
- अहिंसा का अर्थ है किसी को भी शारीरिक, मानसिक या वाणी से नुकसान न पहुँचाना।
- सत्य का मतलब है हमेशा सच बोलना और असत्य से बचना।
- अस्तेय का मतलब है चोरी न करना और दूसरों की वस्तुओं का लालच न करना।
- ब्रह्मचर्य का अर्थ है अपनी इंद्रियों पर संयम रखना और सात्विक जीवन बिताना।
- अपरिग्रह का मतलब है अधिक वस्तुओं के प्रति मोह न रखना और साधारण जीवन जीना।
- जैन धर्म का उद्देश्य आत्मा की मुक्ति और जीवन के चक्र से मुक्ति पाना है।
निष्कर्ष: जैन धर्म सिर्फ एक धर्म ही नहीं, बल्कि यह जीवन जीने का एक मार्ग है, जो हमें जीवन में अहिंसा और करुणा जैसे मूल्यों का महत्व सिखाता है। जैन धर्म की शिक्षाएँ न केवल व्यक्तिगत विकास पर ध्यान केंद्रित करती हैं, बल्कि समाज के विकास के लिए भी मार्ग प्रशस्त करती हैं।
COMMENTS