ईश्वर जो करता है अच्छा ही करता है इस उक्ति को आधार बनाकर एक मौलिक कहानी लिखिए: अकबर बादशाह अपने दरबार में बीरबल की बुद्धिमानी से बहुत प्रभावित थे। बीर
ईश्वर जो करता है अच्छा ही करता है इस उक्ति को आधार बनाकर एक मौलिक कहानी लिखिए
अकबर बादशाह अपने दरबार में बीरबल की बुद्धिमानी से बहुत प्रभावित थे। बीरबल न सिर्फ एक कुशल राजनीतिज्ञ थे, बल्कि एक धर्म-प्रिय और दयालु व्यक्ति भी थे। वे अक्सर कहा करते थे, "ईश्वर जो कुछ भी करता है मनुष्य के भले के लिए ही करता है, कभी-कभी हमें ऐसा लगता है कि ईश्वर हम पर कृपा दृष्टि नहीं रखता, लेकिन ऐसा होता नहीं। कभी-कभी तो उसके वरदान को भी लोग शाप समझने की भूल कर बैठते हैं। वह हमको थोड़ी पीड़ा इसलिए देता है ताकि बड़ी पीड़ा से बच सकें।"
एक बार की बात है, अकबर बादशाह शिकार खेलने के लिए जंगल गए। रास्ते में उन्हें एक वृद्ध साधु मिले। साधु ने बादशाह को देखा और कहा, "महाराज, आप बहुत भाग्यशाली हैं।" अकबर बादशाह ने मुस्कुराते हुए कहा, "साधु जी, आपका आशीर्वाद।"
साधु ने आगे कहा, "महाराज, मैं आपको एक बात बताना चाहता हूँ। जो कुछ भी होता है, वह ईश्वर की मर्जी से होता है। हमें कभी भी ईश्वर पर शक नहीं करना चाहिए।"
अकबर बादशाह ने साधु की बातों को ध्यान से सुना। उन्हें साधु की बातें बहुत पसंद आईं। उन्होंने साधु को धन्यवाद दिया और आगे बढ़ गए।
कुछ दिन बाद, अकबर बादशाह को बीमारी हो गई। वे बहुत बीमार हो गए थे। वैद्य भी उनकी बीमारी को ठीक नहीं कर पा रहे थे। अकबर बादशाह बहुत दुखी थे। उन्होंने बीरबल को बुलाया और उनसे कहा, "बीरबल, मैं बहुत बीमार हूँ। मुझे लगता है कि मेरा अंत निकट है।"
बीरबल ने बादशाह को सांत्वना दी और कहा, "महाराज, आपको निराश नहीं होना चाहिए। ईश्वर जो कुछ भी करता है, वह हमारे भले के लिए ही करता है।"
अकबर बादशाह ने कहा, "लेकिन बीरबल, मैं तो मर जाऊंगा।"
बीरबल ने कहा, "महाराज, मृत्यु तो सबको आनी है। लेकिन हमें मृत्यु से डरना नहीं चाहिए। हमें ईश्वर पर विश्वास रखना चाहिए।"
कुछ दिनों बाद, अकबर बादशाह ठीक हो गए। वे बहुत खुश थे। उन्होंने बीरबल को बुलाया और कहा, "बीरबल, तुमने मुझे बहुत बचाया। मैं तुम्हारा बहुत आभारी हूँ।"
बीरबल ने कहा, "महाराज, यह सब ईश्वर की कृपा है। मैंने तो केवल आपका हौसला बढ़ाया था।"
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