खरगोश पर हिंदी निबंध: खरगोश, एक छोटा, प्यारा और चंचल जीव है जो दुनिया भर में पाया जाता है। खरगोशों की लंबी कान, छोटा सा नाक और छोटी पूंछ होती है। खरगो
खरगोश पर हिंदी निबंध (Essay on Rabbit in Hindi)
खरगोश पर हिंदी निबंध: खरगोश, एक छोटा, प्यारा और चंचल जीव है जो दुनिया भर में पाया जाता है। खरगोशों के लंबे कान, छोटी नाक, और गोल-मटोल शरीर, इसे मनमोहक बनाते हैं। इनकी आँखें बड़ी और चमकदार होती हैं। इनके पैर छोटे और मजबूत होते हैं, जिससे यह न केवल तेजी से दौड़ सकते हैं बल्कि ऊँची छलांग भी लगा सकते हैं। खरगोश दिन के समय सक्रिय होते हैं और अपने भोजन की तलाश में खुले मैदानों में घूमते रहते हैं।
खरगोश आमतौर पर भूरे, काले या सफ़ेद रंग के होते हैं। इनका फर बहुत ही कोमल और रेशमी होता है, जो इन्हें ठंड से बचाने में सहायक होता है। कुछ खरगोशों के फर पर धब्बे या पैटर्न भी होते हैं। खरगोश पूर्णतः शाकाहारी जीव होते हैं। वे मुख्य रूप से घास, हरी पत्तियाँ, फल-फूल और सब्जियाँ खाते हैं। इनके दांत लगातार बढ़ते रहते हैं, इसलिए वे हमेशा कुछ न कुछ चबाते रहते हैं, जिससे उनके दाँत प्राकृतिक रूप से घिसते रहते हैं।
खरगोश अत्यंत सामाजिक और मिलनसार प्राणी होते हैं। वे अकेले रहने के बजाय समूह में रहना पसंद करते हैं। इनके समूह को "वारन" कहा जाता है। इन समूहों में खरगोश एक-दूसरे की देखभाल करते हैं और खतरे के समय एक-दूसरे को चेतावनी देते हैं। खरगोश अत्यंत चतुर होते हैं और शिकारियों से बचने के लिए अपने बिलों में छिप जाते हैं। खरगोश की गति इतनी तेज होती है कि शिकारियों के लिए उन्हें पकड़ना बहुत मुश्किल हो जाता है।
खरगोश बहुत ही चंचल जानवर होते हैं। वे हमेशा खेलने और कूदने में व्यस्त रहते हैं। खरगोश आमतौर पर ज़मीन के नीचे सुरंगनुमा बिल बनाकर रहते हैं, जिन्हें "बरो" कहा जाता है। ये बिल उन्हें न केवल ठंड और गर्मी से सुरक्षा प्रदान करते हैं, बल्कि शिकारी जीवों से भी बचाते हैं। वे अपने बिलों को बहुत साफ रखते हैं और अपने शरीर को भी साफ करते रहते हैं। जंगलों और घास के मैदानों में रहने वाले खरगोश अपने लिए बहुत ही जटिल और गहरे बिल बनाते हैं, जिनमें शिकारियों से बचने के लिए कई प्रवेश और निकास द्वार होते हैं।
पालतू जानवर के रूप में भी खरगोश बहुत लोकप्रिय हैं क्योंकि ये स्वभाव से शांत, सौम्य और मित्रवत होते हैं। इनके मुलायम फर का उपयोग वस्त्र निर्माण में भी किया जाता है, जिससे ऊनी कपड़े और अन्य उत्पाद बनाए जाते हैं। हालाँकि, हाल के वर्षों में बढ़ते शिकार, जंगलों की कटाई और जलवायु परिवर्तन के कारण खरगोशों की कुछ प्रजातियों की संख्या में भारी कमी आई है। विशेष रूप से, यूरोपीय और जंगली खरगोशों की कुछ प्रजातियाँ विलुप्त होने के कगार पर पहुँच चुकी हैं। इसीलिए, इनके संरक्षण हेतु विशेष प्रयास किया जाना आवश्यक है।
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