मिल्खा सिंह पर निबंध: भारत के खेल इतिहास में कुछ नाम ऐसे हैं, जो हमेशा याद किए जाते रहेंगे। उनमें से एक नाम है मिल्खा सिंह का। उन्हें "उड़न सिख" के ना
मिल्खा सिंह पर निबंध (Essay on Milkha Singh in Hindi)
मिल्खा सिंह पर निबंध: भारत के खेल इतिहास में कुछ नाम ऐसे हैं, जो हमेशा याद किए जाते रहेंगे। उनमें से एक नाम है मिल्खा सिंह का। उन्हें "उड़न सिख" के नाम से जाना जाता था और वे भारत के सबसे महान धावकों में से एक थे। मिल्खा सिंह का जीवन संघर्षों से भरा रहा, लेकिन उन्होंने अपनी लगन और दृढ़ इच्छाशक्ति से सभी मुश्किलों को पार किया और देश के लिए कई कीर्तिमान स्थापित किए। मिल्खा सिंह, जिनका नाम सुनते ही भारत के दिलों में एक जोश भर जाता है, एक ऐसे धावक थे जिन्होंने न केवल देश को गौरवान्वित किया, बल्कि लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बने।
कठिन शुरुआत (भारत विभाजन की त्रासदी):
मिल्खा सिंह का जन्म 20 नवंबर, 1929 को ब्रिटिश भारत के रावलपिंडी (अब पाकिस्तान में) में हुआ था। विभाजन के समय उनके परिवार को भारत आना पड़ा। भारत के विभाजन के बाद की अफ़रा तफ़री में मिलखा सिंह ने अपने माँ-बाप को खो दिया। उन्होंने बहुत गरीबी और मुश्किलों का सामना किया। एक समय ऐसा भी आया जब उन्हें भोजन के लिए भी मोहताज होना पड़ा। लेकिन इन सबके बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी।
उन्होंने भारतीय सेना में भर्ती होने का फैसला किया। सेना में उन्हें दौड़ने का मौका मिला और उन्होंने अपनी प्रतिभा दिखाई। उनकी दौड़ को देखकर सभी हैरान रह गए। धीरे-धीरे, वे सेना के एक मशहूर धावक बन गए।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सफलता:
मिल्खा सिंह ने 1958 के राष्ट्रमंडल खेलों में 400 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीतकर भारत का नाम रोशन किया। इसके बाद उन्होंने कई अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लिया और भारत के लिए कई पदक जीते। हालांकि, 1960 और 1964 के ओलंपिक में वह 400 मीटर दौड़ में चौथे स्थान पर रहे। यह उनके लिए एक बड़ा झटका था, ओलंपिक में उन्हें स्वर्ण पदक जीतने का सपना अधूरा रह गया। लेकिन उन्होंने भारत को कई अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जीत दिलाई।
मिल्खा सिंह एक बेहद विनम्र और मिलनसार व्यक्ति थे। वे हमेशा युवाओं को प्रेरित करते थे और उन्हें सफलता के लिए प्रेरित करते थे। मिल्खा सिंह ने अपनी जिंदगी की कहानी एक किताब में लिखी है जिसका नाम है "द रेस ऑफ माय लाइफ"। वे एक सच्चे देशभक्त थे और उन्होंने हमेशा देश की सेवा के लिए तैयार रहते थे।
उपसंहार:
मिल्खा सिंह का निधन 18 जून, 2021 को कोविड-19 के कारण हुआ था। उनके निधन से पूरा देश शोक में डूब गया। मिल्खा सिंह एक ऐसे व्यक्ति थे जिनका जीवन प्रेरणादायक है। उन्होंने हमें सिखाया कि अगर हम दृढ़ निश्चयी हों तो हम कुछ भी हासिल कर सकते हैं।
COMMENTS