यदि मैं क्रिकेटर होता तो निबंध: बचपन से ही क्रिकेट मेरी सांसों में बसा हुआ है। गली के क्रिकेट मैच से लेकर टीवी पर घंटों चलने वाले टेस्ट मैच तक, क्रिके
यदि मैं क्रिकेटर होता तो हिंदी निबंध - Yadi Main Cricketer Hota To Nibandh
यदि मैं क्रिकेटर होता तो निबंध: बचपन से ही क्रिकेट मेरी सांसों में बसा हुआ है। गली के क्रिकेट मैच से लेकर टीवी पर घंटों चलने वाले टेस्ट मैच तक, क्रिकेट ही मेरा जूनून है। क्रिकेट से जुड़ी हर चीज मेरे दिल को छू लेती है। कभी-कभी सोचता हूँ, "यदि मैं क्रिकेटर होता तो...."
यदि मैं क्रिकेटर होता तो देश के लिए खेलना मेरा सपना होता। कभी मैं टेस्ट क्रिकेट में विदेशी धरती पर शानदार प्रदर्शन करता तो कभी टी20 में विस्फोटक बल्लेबाजी करके मैच का रुख बदल देता। हर चौके पर तालियां, हर छक्के पर जयकारे गूंजते। हर मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस होती? मैं माइक पकड़कर कहता, "ये जीत पूरी टीम इंडिया की है।" पर सब जानते होते कि असली हीरो तो मैं ही हूँ!
यदि मैं क्रिकेटर होता, तो सबसे पहले तो मैं सुबह जल्दी उठकर मैदान पर दौड़ लगाने जाता। फिर नेट्स पर घंटों गेंदबाजी और बल्लेबाजी की प्रैक्टिस करता। फुटवर्क की बारीकियां सीखता, बॉल को स्विंग कराना सीखता, यॉर्कर फेंकना सीखता। बल्लेबाजी में कवर ड्राइव, हूक शॉट, पुल शॉट, हर एक शॉट को परिष्कृत करने की कोशिश करता। प्रैक्टिस का मैदान ही मेरा दूसरा घर बन जाता।
सिर्फ मैदान पर अभ्यास ही काफी नहीं है। एक क्रिकेटर के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से फिट रहना भी बेहद ज़रूरी है। इसलिए यदि मैं क्रिकेटर होता तो जिम में घंटों बिताना और ट्रेनर के मार्गदर्शन में कठिन परिश्रम करना मेरी आदत बन जाती। क्योंकि मैदान पर तेज़ दौड़ना, लंबे समय तक फुर्ती से खेलना और दबाव की परिस्थिति में भी शांत रहना ज़रूरी है, और मैं इसके लिए पूरी तरह तैयार रहता।
अगर मैं एक क्रिकेटर होता, तो गेंदबाजी में भी मेरा कौशल देखने लायक होता। मैं स्विंग, गुगली और यॉर्कर जैसी गेंदों का मास्टर होता। मेरी गेंदबाजी में विविधता होती, जिससे बल्लेबाज को अंदाजा लगाना मुश्किल हो जाता। मैं अपनी गेंदबाजी से विपक्षी खेमे में दहशत फैला देता।
यदि मैं क्रिकेटर होता, तो उन बच्चों तक पहुंचता जो गली के कच्चे मैदानों में क्रिकेट खेलते हैं। मैं क्रिकेट अकादमी खोलकर गरीब बच्चों को प्रशिक्षण देता। शायद उनमें से ही कोई भविष्य का धोनी या कोहली बन जाए! साथ ही, बीमार बच्चों की मदद के लिए चैरिटी मैच का आयोजन भी करवाता।
क्रिकेटर बनने के बाद शोहरत और पैसा तो अपने आप पीछे-पीछे आता है। हां, ये भी बुरा नहीं है। लोग मुझे पहचानेंगे, ऑटोग्राफ मांगेंगे, फोटो खिंचवाना चाहेंगे। शायद ब्रांड एंबेसडर बनने का भी मौका मिले। इस पैसे से मैं न सिर्फ अपनी फैमिली की देखभाल कर सकता हूँ, बल्कि जरूरतमंद लोगों की मदद भी कर सकता हूँ।
हाँ, मैं जानता हूँ कि ये सब सपने हैं। लेकिन मैं इतनी मेहनत करूंगा, इतनी प्रैक्टिस करूंगा कि ये सपने हकीकत बन जाएंगे! शायद एक दिन आप भी टीवी पर मुझे खेलते देखेंगे और कहेंगे - "ये रहा वो लड़का जिसने कभी क्रिकेटर बनने का सपना देखा था!"
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