यदि मैं राजा होता हिंदी निबंध: यदि मैं राजा होता, तो प्रजा का कल्याण ही मेरा सर्वोपरि धर्म होता। मैं प्रजा के सुख-दुःख में उनके साथ रहने में होता। सच्
यदि मैं राजा होता हिंदी निबंध - Yadi Mai Raja Hota Essay in Hindi
यदि मैं राजा होता हिंदी निबंध: यदि मैं राजा होता, तो प्रजा का कल्याण ही मेरा सर्वोपरि धर्म होता। मैं प्रजा के सुख-दुःख में उनके साथ रहने में होता। सच्चा राजा वही होता है जिसके राज्य में प्रजा खुशहाल और समृद्ध हो। महल सोने-चांदी से सजाने की जगह, मैं उसे शिक्षा का मंदिर बनाता। हर कमरा एक पुस्तकालय होता, जहाँ ज्ञान के अनमोल रत्न सहेजे होते। प्रजा के लिए निरंतर शिक्षा शिविर लगते, जहाँ हर कोई अपनी रूचि के अनुसार ज्ञान अर्जित कर सकता। मेरा राज्य शिक्षा का ऐसा दीप जलाता, जिसकी रोशनी हर घर तक पहुँचती।
अगर मैं राजा होता, तो मेरा दरबार न्याय का धाम होता। सोने के सिंहासन की जगह, मैं एक साधारण कुर्सी पर बैठता। दरबार में प्रजा की फरियादें सुनना मेरा दैनिक कर्तव्य होता। कोई भूखा हो, तो उसे अन्न; कोई बीमार हो, तो उसे दवा; कोई अन्याय का शिकार हो, तो उसे न्याय दिलाना मेरा राजधर्म होता। मैं भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करता और ईमानदारी को सर्वोच्च स्थान देता। मेरा राज्य ऐसा होता जहां कानून का राज चलता और हर किसी को न्याय मिलने की गारंटी होती। मेरे राज्य में हर किसी को सम्मान और समान अधिकार मिलता।
यदि मैं राजा होता, तो मेरा राज्य शक्ति और कूटनीति के संतुलन पर टिका होता। राजा होने का अर्थ मात्र सिंहासन पर विराजमान होना नहीं होता, बल्कि प्रजा की भलाई के लिए सतत प्रयास करना होता। सफल शासन के लिए और बाह्य शक्तियों से रक्षा करने मैं विशाल सेना का निर्माण करता, साथ ही मित्र राष्ट्रों के साथ मधुर संबंध बनाए रखने के लिए कूटनीति भी अनिवार्य होती।
अगर मैं राजा होता, तो हर बच्चे के लिए निःशुल्क और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की व्यवस्था करता। आलीशान महलों की ईंटों से मैं स्कूल बनवाता। हर कक्षा में शिक्षा के आधुनिक उपकरण होते और योग्य शिक्षक बच्चों को सच्ची शिक्षा देते। खेल के मैदान, पुस्तकालय, और कला केंद्र हर स्कूल में मौजूद होते ताकि बच्चे सर्वांगीण विकास कर सकें। शिक्षा ही देश का भविष्य है, इसीलिए बच्चों के सर्वांगीण विकास पर मैं पूरा ध्यान देता।
अगर मैं राजा होता, तो मेरे राज्य में पर्यावरण संरक्षण सर्वोपरि होता। मैं जंगलों को काटने की जगह, वृक्षारोपण अभियान चलाता। नदियों को स्वच्छ रखने के लिए सख्त नियम बनाता। प्रदूषण फैलाने वाले कारखानों को आधुनिक तकनीक अपनाने के लिए प्रोत्साहित करता। हर नागरिक को दायित्व सौंपता कि वे अपने पर्यावरण की रक्षा करें। मेरा राज्य प्रकृति के साथ सद्भाव में रहने का आदर्श स्थापित करता।
अगर मैं राजा होता, तो मेरे राज्य में गरीबी और भुखमरी का नाम नहीं होता। गरीबों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करता। मजबूत अर्थव्यवस्था ही किसी भी राष्ट्र की रीढ़ होती है। मैं किसानों को उन्नत कृषि तकनीक और उचित मूल्य दिलाता। गरीब बच्चों की शिक्षा का खर्च राज्य वहन करता। वृद्धजनों और विकलांगों की देखभाल के लिए विशेष केंद्र बनाता। मेरा राज्य समाज के हर वर्ग के कल्याण के लिए समर्पित होता।
यदि मैं राजा होता, तो कठिन परिश्रम करने वालों का सम्मान किया जाता। सैनिकों की वीरता को सराहा जाता और शिक्षकों, वैज्ञानिकों, डॉक्टरों जैसे राष्ट्रनिर्माताओं को उचित सम्मान दिया जाता। हर नागरिक को अपने कौशल के अनुसार योगदान देने का अवसर मिलता।
शायद आप सोच रहे होंगे कि ऐसा राज कैसे संभव है, जहाँ शिक्षा, न्याय, और प्रजा का कल्याण सबसे पहले हो। लेकिन यही तो एक सच्चे राजा का सपना होता है। प्रजा का सुख ही राजा का सुख है। भव्य महल, सोने का सिंहासन, और ढेर सारा धन ये सब क्षणिक हैं। सच्ची शक्ति तो प्रजा के प्यार और सम्मान में है। अगर मैं कभी राजा बना, तो भी प्रजा के हित के लिए काम करने का संकल्प हमेशा मेरे दिल में रहेगा।
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