तताँरा का चरित्र चित्रण - Tantara ka Charitra Chitran तताँरा-वामिरो एक प्रसिद्ध् लोककथा है जिसका नायक तताँरा है। तताँरा पासा गाँव का रहने वा...
तताँरा का चरित्र चित्रण - Tantara ka Charitra Chitran
तताँरा-वामिरो एक प्रसिद्ध् लोककथा है जिसका नायक तताँरा है। तताँरा पासा गाँव का रहने वाले था। वह बहुत अच्छे स्वभाव का था और मुसीबत में सबके काम आता था। उसके चरित्र की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
आकर्षक व्यक्तित्व: तताँरा सुन्दर, बलिष्ठ, सहयोगी और परोपकारी है उसकी शारीरिक विशिष्टताओं और आंतरिक गुणों से हर मिलने-हुलोने वाला प्रभावित होता है। जब वामिरो ने उसे पहली बार देखा तो वह उससे आकर्षित जो जाती है।
आदर्श प्रेमी: तताँरा वामीरो को पहली ही नज़र में बेहद प्रेम करने लगा था। इसी कारण वह अगले दिन भी वामिरो से आने की याचना करता था वह वामीरो से बिछड़कर व्यथित था। वामीरो से मिलने की प्रतीक्षा में उसका समय काटना पहाड़ के समान भारी हो रहा था। हालाँकि दूसरे गाँव का होए के कारण उसका वमिरो से संबंध संभव न था, परन्तु वह वामिरो से समुद्री किनारे पर मिलता रहा। वह रूढ़ियों और परंपराओं का प्रेम की राह में बाधक नहीं बनने देता है।
संगीत प्रेमी: तंतरा स्वभा से संगीत प्रेमी है. इसी कारण जब वह वामिरो का मधुर गीत सुनता है तो तुरंत ही उसकी ओर आकर्षित होता है। वह वामिरो से बार-बार आग्रह करता है, "तुमने गाना क्यों रोक दिया? गाओ, गीत पूरा करो।"
मानवीय गुणों से युक्त: तताँरा नेकी, उदारी, और परोपकारीता जैसे मानवीय गुणों से युक्त है। वह हर किसी की मदद को तत्पर रहता है। इसी कारण उससे निकोबारी बेहद प्रेम करते थे। द्वीपवासियों की सेवा करना वह अपना कर्तव्य समझता था। वक्त मुसीबत में उसे स्मरण करते और वह भागा-भागा वहाँ पहुँच जाता। अपने त्यागमयी स्वभाव के कारण वह सभी के आदर का पात्र था।
दैवीय शक्ति संपन्न व्यक्ति: तताँरा अपनी पारंपरिक पोशाक के साथ कमर पर एक तलवार बाँधे रहता था। लकड़ी की इस तलवार के बारे में लोगों का मानना था कि उसमें अद्भुत दैवीय शक्ति थी। वह अपनी तलवार का प्रयोग दूसरों के सामने नहीं करता था तथा सदैव अपने साथ रखता था। तताँरा के साहसिक कारनामों को भी लोग उसी तलवार की अद्भुत शक्ति मानते थे, परंतु इसका उपयोग दूसरों का अहित करने के लिए नहीं करता था।
सम्मान का पात्र: अपने सहयोगी और आत्मीय स्वाभाव के कारण सभी द्वीपवासी तताँरा का सम्मान करते है। उसे दूसरे गाँव के लोग भी अपने यहाँ निमंत्रित करते हैं। दूसरे गाँव में भी पर्व -त्योहारों के समय उसे विशेष रूप से आमंत्रित किया जाता। जब भी मुसीबत के कोई उसे याद करता तो और वह भागा -भागा वहाँ पहुँच जाता।
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