पंडित शादीराम की चरित्र चित्रण: श्री सुदर्शन जी द्वारा रचित एलबम कहानी में पंडित शादीराम महत्वपूर्ण पात्र हैं। पंडित शादीराम लाला सदानंद के पुरोहित है
पंडित शादीराम की चरित्र चित्रण (Pandit Shadiram ka Charitra Chitran)
श्री सुदर्शन जी द्वारा रचित एलबम कहानी में पंडित शादीराम महत्वपूर्ण पात्र हैं। पंडित शादीराम लाला सदानंद के पुरोहित हैं। उनके चरित्र में स्वाभिमान, ईमानदारी और स्वाभिमान जैसे गुण विद्यमान है। गरीब होते हुए भी पंडित जी लाला सदानंद का ऋण उतारना चाहते हैं।
पंडित शादीराम की चारित्रिक विशेषताएँ
ईमानदारी: कर्ज के बोझ से दबे होने के बावजूद पंडित शादीराम ईमानदारी की राह पर चलने के लिए दृढ़ हैं। वह हर संभव तरीके से कर्ज चुकाने का प्रयास करते हैं। वह थोड़ी-थोड़ी बचत करके जमा करके अस्सी रूपये जोड़ते हैं। परंतु बीमार लड़के की दवा में पैसा खर्च हो जाता है। अतः लाला सदानंद का पैसा न लौटा पाने के कारण वह दुखी हो जाते है।
निष्ठावान पुरोहित: अपने यजमान लाला सदानंद के प्रति पंडित शादीराम की निष्ठा अटूट है। वह न सिर्फ पूजा-पाठ जैसे धार्मिक कार्यों को पूरी श्रद्धा से करते हैं बल्कि बीमारी के दौरान भी लाला सदानंद की सेवा में तत्पर रहते हैं. वह बीमार सदानंद के पास पड़ी चौकी पर बैठकर उन्हें भगवद्गीता सुनाते थे।
स्वाभिमानी: गरीबी होने के बावजूद पंडित शादीराम दान स्वीकार करने में असहज महसूस करते हैं। लाला सदानंद द्वारा दिया गया कर्ज चुकाने के बाद ही उन्हें मानसिक शांति मिलती है। पैसे लौटाते हुए वह लाला जी से कहता है "परमात्मा का धन्यवाद है कि मुझे इस मार से छुटकारा मिला। अपने रुपये संभाल लीजिए। आपने जो दिया और सज्जनता दिखाई है उसे मैं मरते दम तक न भूलूँगा।"
संवेदनशील: जब कभी बच्चे रोने लगते हैं तो बच्चों को खुश करने के लिए पुरानी पत्रिकाओं से चित्र निकालकर देना उनकी संवेदनशीलता को दर्शाता है।
कृतज्ञता का भाव: कठिन समय में लाला सदानंद द्वारा की गई मदद के लिए पंडित जी हमेशा आभारी रहते हैं. भले ही लाला सदानंद ने एलबम का सच छिपाया हो, परन्तु सच जानने के बाद पंडित जी लाला सदानंद को पहले से भी अधिक सज्जन अधिक उपकारी और ऊँचा समझने लगे थे।
संक्षेप में, पंडित शादीराम ईमानदारी, संघर्षशीलता और आत्मसम्मान से भरपूर एक सकारात्मक चरित्र हैं. वह एक ऐसे आदर्श का प्रतिनिधित्व करते हैं जहां गरीबी किसी की ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा को कम नहीं कर सकती। कठिन परिस्थितियों में भी ईमानदारी से जीने का उनका संघर्ष पाठकों को प्रेरणा देता है।
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