पर्यावरण दिवस पर अपने मित्रों के लिए एक संदेश लिखिए। प्रिय मित्रों, हमारे पर्यावरण के बिना हमारे जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। इसी कारण वर्ष 197
पर्यावरण दिवस पर अपने मित्रों के लिए एक संदेश लिखिए।
पर्यावरण दिवस पर संदेश
दिनांक 5 जून, 20XX
समय 9:00 बजे प्रातः
प्रिय मित्रों,
हमारे पर्यावरण के बिना हमारे जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। इसी कारण वर्ष 1972 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने फैलते प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए स्टॉकहोम, स्वीडन में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम पर्यावरण सम्मेलन का आयोजन किया था। तब पूरे विश्व में5 जून, 1974 से विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाने लगा। अतः आज पर्यावरण दिवस के इस शुभ अवसर पर हम सब आने वाले तीन दिनों तक अलग-अलग प्रजाति के कम-से-कम 300 पेड़-पौधे लगाने का संकल्प करते हैं। विद्यालय के प्रांगण से हम इस अभियान की शुरुआत करेंगे। अतः सभी 10:00 बजे प्रातः तक वहाँ उपस्थित हो जाएँ।
आपका मित्र
(दीपेंद्र सान्याल)
पर्यावरण दिवस पर अपने मोहल्ले के लिए एक संदेश लिखिए।
पर्यावरण दिवस पर क्षेत्रवासियों के लिए संदेश
दिनांक 5 जून, 20XX
समय 9:00 बजे प्रातः
प्रिय क्षेत्रवासियों,
आज विश्व पर्यावरण दिवस है, वो दिन जब हम उस धरती माता को श्रद्धांजलि देते हैं जिसने हमें जन्म दिया, पाला पोसा और आज भी अपनी गोद में समेटे हुए है। लेकिन ये सिर्फ श्रद्धांजलि देने का दिन नहीं है, बल्कि ये आत्म-मंथन का भी दिन है। क्या हम वाकई उस मिट्टी के कर्ज़ को चुका पा रहे हैं जिसने हमें सब कुछ दिया?
पर्यावरण हमारे आसपास नहीं, हमारे भीतर है। स्वच्छ हवा, साफ पानी, हरे-भरे पेड़ - ये सब मिलकर वो वातावरण बनाते हैं जिसके सहारे हम ज़िंदा हैं। लेकिन आज बेतहाशा होते प्रदूषण, घटते जंगल और सूखते दरिया ये सब मानवीय लालच का ही परिणाम हैं। अगर हमने आज नहीं सँभला तो कल शायद देर हो जाए।
हमें ज़रूरत है छोटे-छोटे बदलावों की। क्या आप रोज़ाना थोड़ा कम पानी बचा सकते हैं? क्या आप थोड़ी कम बिजली जला सकते हैं? क्या आप प्लास्टिक की थैलियों के इस्तेमाल से इंकार कर सकते हैं? ये छोटे कदम मिलकर एक बड़ा बदलाव ला सकते हैं। आइए हम मिलकर ये संकल्प लें कि हम पृथ्वी को वो सम्मान देंगे जिसकी वो हकदार है।
आइए हम पौधे लगाएं, सफाई अभियान चलाएं, दूसरों को जागरूक करें। आइए हम मिलकर इस धरती को बचाएं, क्योंकि ये हमारा, आपके बच्चों का और आने वाली पीढ़ियों का इकलौता घर है।
पर्यावरण दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!
आपका मित्र
(विनय कनौजिया)
पर्यावरण दिवस पर अपने सहपाठियों के लिए एक संदेश लिखिए।
पर्यावरण दिवस पर सहपाठियों के लिए संदेश
दिनांक 5 जून, 20XX
समय 9:00 बजे प्रातः
प्रिय मित्रों,
आज विश्व पर्यावरण दिवस है। सभी प्राणियों का अस्तित्व प्रकृति और पर्यावरण पर टिका हुआ है। स्वच्छ हवा, जीवनदायी जल, और पौष्टिक भोजन - ये सब प्रकृति की ही देन हैं। परंतु, विडंबना यह है कि हम मनुष्य विकास की अंधी दौड़ में प्रकृति का ही नाश कर रहे हैं। जंगलों को बेरहमी से काटना, नदियों को औद्योगिक कचरे से दूषित करना, और वायुमंडल में हानिकारक गैसों का उत्सर्जन करना - ये ऐसे कृत्य हैं जो प्रकृति के संतुलन को बिगाड़ रहे हैं। इसके परिणाम भयावह हैं - बाढ़ें, सूखा, ग्लोबल वार्मिंग - ये सब उसी असंतुलन के प्रमाण हैं।
अगर हम प्रकृति का विनाश करते रहे, तो एक दिन वह दिन आएगा जब पेड़ों की हरी चादर सफेद रेगिस्तान में बदल जाएगी, मीठे जल की जगह जहरीला पानी बचेगा, और स्वच्छ हवा के लिए तरसना पड़ेगा। यह सोचने का वक्त है कि क्या हम वाकई ऐसी विरासत अपनी आने वाली पीढ़ी को सौंपना चाहते हैं?
पर्यावरण संरक्षण सिर्फ सरकारी योजनाओं या नारों तक सीमित नहीं रहना चाहिए। यह हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। हमें अपनी दैनिक आदतों में छोटे-छोटे बदलाव लाकर पर्यावरण को बचाने में योगदान देना होगा। इसलिए आइए, मिलकर पृथ्वी को फिर से हरा-भरा बनाएं। प्रदूषण को कम करें और प्राकृतिक संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग अपनाएं।
पर्यावरण दिवस की शुभकामनाएं!
आपका मित्र
(विजय पॉल)
पर्यावरण दिवस पर अपने दोस्तों के लिए एक संदेश लिखिए।
पर्यावरण दिवस पर दोस्तों के लिए संदेश
दिनांक 5 जून, 20XX
समय 9:00 बजे प्रातः
प्रिय मित्रों,
पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण हेतु पूरे विश्व में 5 जून को मनाया जाता है। यह एक ऐसा दिन है, जब हम प्रकृति और पर्यावरण की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हैं। 1972 में स्टॉकहोम, स्वीडन में आयोजित संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सम्मेलन में पहली बार विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा गया था। इसके बाद से हर साल इस दिन को मनाया जाता है।
आज हम सभी को अपने जीवन में छोटे-छोटे बदलाव लाने की जरूरत है जो पर्यावरण को बचाने में मदद कर सकें। हम पानी और बिजली बचा सकते हैं, प्लास्टिक का उपयोग कम कर सकते हैं, और अधिक पेड़ लगा सकते हैं। ये छोटे-छोटे बदलाव भी मिलकर एक बड़ा बदलाव ला सकते हैं।
आइए हम सब मिलकर इस धरती को स्वच्छ और हरा-भरा बनाने का संकल्प लें। आइए हम अपने बच्चों को एक बेहतर भविष्य प्रदान करें। आखिरकार, यह धरती सिर्फ हमारी नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों की भी धरोहर है।
पर्यावरण दिवस की शुभकामनाएं!
आपका मित्र
(अभिनय शर्मा)
COMMENTS