त्योहारों का हमारे जीवन में महत्व पर दादा जी और पोते के बीच संवाद- पोता: दादा जी हम त्योहार क्यों मनाते हैं? दादा: बेटा! हम त्योहार इसलिए मनाते हैं,
त्योहारों का हमारे जीवन में महत्व पर दादा जी और पोते के बीच संवाद
पोता: दादा जी हम त्योहार क्यों मनाते हैं ?
दादा: बेटा! हम त्योहार इसलिए मनाते हैं, क्योंकि प्रत्येक त्योहार का सामाजिक और धार्मिक महत्त्व होता है। त्योहार हमें भाई-चारा, प्रेम व हर्ष का संदेश देते हैं।
पोता: अच्छा दादाजी, ये बताइए कि हम दिवाली क्यों मनाते हैं ?
दादा: दिवाली हम इसलिए मनाते हैं, क्योंकि इस दिन भगवान श्रीराम 14 वर्ष का वनवास पूरा कर अयोध्या वापस लौटे थे। इस खुशी में अयोध्यावासियों ने घी के दिये जलाए थे।
पोता: अच्छा दादाजी हमें इससे क्या संदेश मिलता है ?
दादा: इससे हमें बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश मिलता है।
त्योहारों के द्वारा भाईचारा बढ़ाने पर दादा जी और पोते के बीच वार्तालाप / बातचीत
पोता: दादाजी, त्योहारों का क्या महत्व है?
दादाजी: बेटा, त्योहारों का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। त्योहार हमें एकजुट करते हैं, जीवन के महत्वपूर्ण मूल्यों को सिखाते हैं, और खुशियां लाते हैं।
पोता: दादाजी, क्या त्योहार भाईचारा भी बढ़ाते हैं?
दादाजी: हाँ, बेटा, त्योहार भाईचारा बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। त्योहारों के दौरान हम एक दूसरे के घर जाते हैं, मिलते-जुलते हैं, और खुशियां बांटते हैं।
पोता: दादाजी, आप मुझे कुछ उदाहरण दे सकते हैं?
दादाजी: हाँ, बेटा। जैसे कि होली में हम एक दूसरे पर रंग डालते हैं, जो हमें समानता और भाईचारा का संदेश देता है। दिवाली में हम एक दूसरे के घरों में मिठाइयाँ बाँटते हैं, जो हमें एकजुटता और प्रेम का संदेश देता है। रक्षाबंधन में भाई अपनी बहन को राखी बांधते हैं, जो भाई-बहन के प्यार का प्रतीक है।
पोता: क्या ईद और क्रिसमस भी भाईचारे को बढ़ावा देते हैं?
दादाजी: हाँ बेटा! ईद में मुस्लिम समुदाय के लोग एक दूसरे को गले लगाते हैं और मिठाइयाँ बाँटते हैं, जो हमें प्रेम और भाईचारा का संदेश देता है। क्रिसमस में लोग एक दूसरे को उपहार देते हैं और खुशियां मनाते हैं, जो हमें प्रेम और उदारता का संदेश देता है।
पोता: दादाजी, मुझे त्योहार बहुत पसंद हैं। क्या आप मुझे दीपावली से के बारे में बता सकते हैं?
दादाजी: दीपावली भगवान राम के 14 वर्ष के वनवास से लौटने और रावण पर उनकी जीत का प्रतीक है। रावण एक राक्षस था और भगवान राम ने उसे मारकर धरती को बुराई से मुक्त कर दिया था।
पोता: दादाजी, तब तो हमें सभी त्यौहार मनाने चाहिए।
दादाजी: हाँ, बेटा, ज़रूर। त्योहार हमें जीवन में खुशी और उत्साह लाते हैं।
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