साझेदारी तथा सह स्वामित्व में अंतर - Difference between Partnership and Co-ownership in Hindi: साझेदारी का गठन साझेदारी अधिनियम, 1932 के तहत किया जाता
साझेदारी तथा सह स्वामित्व में अंतर - Difference between Partnership and Co-ownership in Hindi
आधार | साझेदारी | सह- स्वामित्व |
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उत्पत्ति | साझेदारी का गठन साझेदारी अधिनियम, 1932 के तहत किया जाता है। | सह- स्वामित्व के लिए किसी अधिनियम की आवश्यकता नही होती। |
व्यवसाय | साझेदारी के लिए व्यवसाय का होना अनिवार्य है। | सह- स्वामित्व बिना व्यवसाय के भी हो सकता है। |
अनुबंध | साझेदारी साझेदारों के बीच संविदात्मक संबंध पर आधारित है। साझेदारी एक समझौते का परिणाम है। | सह-स्वामित्व कानून के संचालन से हो सकता है। पिता की मृत्यु पर उसके पुत्र उसकी संपत्ति के सह-स्वामी बन जाते हैं। |
उद्देश्य | साझेदारी का उद्देश्य कारोबार से लाभ कमाकर उसे साझेदारों बांटना है। | सह- स्वामित्व में कारोबार करने का उद्देश्य लाभ कमाना नही होता है। |
सदस्यों की संख्या | वर्तमान नियमों के अनुसार साझेदारी की अधिकतम संख्या 50 हो सकती है । | सह - स्वामित्व ये सदस्यों की संख्या कम से कम 2 व अधिकतम भी कोई सीमा नहीं है। |
उत्तरादायित्व | इसमें प्रत्येक साझेदार उत्तरादायित्व असीमित होता है। | इसमें उत्तरादायित्व सीमित ही होता है क्योंकि जोखिम स्वामित्व सीमित होती है। |
साझेदारी और सह स्वामित्व के बीच के कुछ अतिरिक्त अंतर निम्नलिखित हैं:
साझेदारी में, भागीदारों को व्यवसाय के संचालन में सक्रिय रूप से भाग लेने की आवश्यकता होती है। सह स्वामित्व में, सह-मालिकों को संपत्ति के प्रबंधन में सक्रिय रूप से भाग लेने की आवश्यकता नहीं होती है।
साझेदारी में, सभी भागीदारों को व्यवसाय के प्रबंधन में समान अधिकार होते हैं। सह स्वामित्व में, सह-मालिकों को संपत्ति के प्रबंधन में समान अधिकार नहीं होते हैं।
साझेदारी में, सभी भागीदारों को व्यवसाय से लाभ प्राप्त करने का समान अधिकार होता है। सह स्वामित्व में, सह-मालिकों को संपत्ति से लाभ प्राप्त करने का समान अधिकार नहीं होता है।
साझेदारी और सह स्वामित्व के बीच के अंतर को निम्नलिखित उदाहरणों से समझा जा सकता है:
उदाहरण 1: दो दोस्त एक साथ मिलकर एक रेस्तरां खोलते हैं। वे दोनों रेस्तरां के प्रबंधन में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं, और वे दोनों रेस्तरां से समान लाभ प्राप्त करते हैं। यह एक साझेदारी का उदाहरण है।
उदाहरण 2: तीन भाई एक साथ मिलकर एक घर खरीदते हैं। प्रत्येक भाई घर के एक तिहाई हिस्से का मालिक है, और वे सभी घर के प्रबंधन और उपयोग में समान अधिकार साझा करते हैं। यह सह स्वामित्व का उदाहरण है।
साझेदारी और सह स्वामित्व दोनों ही विशिष्ट परिस्थितियों में उपयोगी हो सकते हैं। यह महत्वपूर्ण है कि संपत्ति या व्यवसाय की विशिष्ट आवश्यकताओं के आधार पर सही संगठनात्मक रूप का चयन किया जाए।
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