ऑर्किड पौधा, आम के पेड़ की शाखा पर उग रहा है। ऑर्किड और आम के पेड़ के बीच पारस्परिक क्रिया का वर्णन कीजिये: आम के पेड़ और ऑर्किड के बीच का संबंध सहभो
ऑर्किड पौधा, आम के पेड़ की शाखा पर उग रहा है। ऑर्किड और आम के पेड़ के बीच पारस्परिक क्रिया का वर्णन कीजिये।
आम के पेड़ की शाखा पर उगने वाला ऑर्किड एक एपिफ़ाइट है। एपिफ़ाइट्स, दूसरे पौधों पर उगने वाले पौधे होते हैं. ये पौधे दूसरे पौधों से पोषण नहीं लेते। आम के पेड़ और ऑर्किड के बीच का संबंध सहभोजिता का एक उदाहरण है। सहभोजिता एक पारस्परिक क्रिया है जिसमें एक प्रजाति को लाभ होता है जबकि दूसरी प्रजाति को न लाभ और न हानि होती है। आम की शाखा पर उगने वाले ऑर्किड को लाभ होता है जबकि आम के पेड़ को उससे कोई लाभ नहीं होता।
आर्किड - यह आम के पेड़ की शाखा पर उगता है, यह अपने पोषक (Host) से भोजन ग्रहण नहीं करता है। इसकी वायुवीय जड़ वायु से नमी को अवशोषित कर भोजन निर्माण में सहायक होती हैं। इसमें आम के वृक्ष को आर्किड से कोई लाभ नहीं होता है। अतः यह सहयोजिता प्रदर्शित करता है ।
सहभोजिता (Commensalism) – सहजीवन का दूसरा स्वरूप सहभोजिता है। यह दो जीवों के मध्य होने वाली ऐसी पारस्परिक क्रिया है जिसमें एक प्रजाति को तो लाभ होता है, जबकि दूसरी प्रजाति अप्रभावित रहती है अर्थात् उसे न तो कोई लाभ होता हे और ना ही कोई हानि। इस प्रकार का सम्बन्ध स्थाई या अस्थाई प्रकार का हो सकता है।
इस आधार पर सहभोजिता दो प्रकार की होती है-
सतत् सम्पर्क के साथ सहभोजिता (Commensalism with Permanent Contact) - इस प्रकार के सम्बन्ध में दो जीवों के मध्य स्थाई सम्पर्क होता है, इसके कुछ प्रमुख उदाहरण निम्न प्रकार हैं
(a) अधिपादप पादप (Epiphytic Plants) - पादप जगत में अधिपादप वे पादप हैं, जो स्वपोषी हैं, परन्तु दूसरे पादपों पर उगते हैं। ऑर्किड ( Orchid ) इसका प्रमुख उदाहरण है। अधिपादप पादप स्थान परजीवी (Space parasite) हैं। ये दूसरे पादपों पर उगते हैं, परन्तु अपना भोजन स्वयं बनाते हैं और उस पादप को किसी प्रकार की हानि नहीं पहुँचाते, ये पादप अपनी आर्द्रताग्राही लटकने वाली जड़ों (Hygroscopic roots) की मदद से वायुमण्डल से नमी का अवशोषण (Absorption) करते हैं। इस प्रकार इस सम्बन्ध में पादप को कोई हानि या लाभ नहीं होता, परन्तु अधिपादप को वृद्धि के लिए स्थान मिल जाता है।
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