शिक्षा के औपचारिक साधन (Formal Means of Education in Hindi) शिक्षा के औपचारिक साधन वह हैं, जो बालक को सप्रयत्न शिक्षा देने का कार्य करते हैं। इसमें श
शिक्षा के औपचारिक साधन (Formal Means of Education in Hindi)
शिक्षा के औपचारिक साधन वह हैं, जो बालक को सप्रयत्न शिक्षा देने का कार्य करते हैं। इसमें शिक्षा देने की योजना अर्थात् समय, स्थान, अध्यापक, विधि पाठ्यक्रम पूर्व निर्धारित होती है। यह संस्थाएं अपने द्वारा निर्धारित नियमावली का अनुपालन करती हैं। औपचारिक शिक्षा के लाभों पर प्रकाश डालते हुए ड्यूवी ने कहा है- "औपचारिक शिक्षा के बिना जटिल समाज के साधनों और उपलब्धियों को हस्तान्तरित करना संभव नहीं है। यह एक ऐसे अनुभव की प्राप्ति का द्वार खोलती है जिसको बालक दूसरों के साथ रहकर अनौपचारिक शिक्षा के द्वारा प्राप्त नहीं कर सकता।”
औपचारिक शिक्षा की विशेषताएँ - Characteristics of formal education in hindi
- औपचारिक शिक्षा पूर्व आयोजन, नियोजन एवं सप्रयत्नशील उपायों द्वारा प्रदान की जाती है।
- औपचारिक शिक्षा कृत्रिम, जटिल तथा अप्राकृतिक होती है, जिसे प्राप्त तथा प्रदान करने के लिए सुनियोजित क्रियाओं तथा कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
- औपचारिक शिक्षा मूलतः विद्यालयों के द्वारा ही प्रदान की जाती है।
- औपचारिक शिक्षा का प्रारंभ विद्यालय जाने पर होता है एवं अन्त भी विद्यालय छोड़ने पर हो जाता है।
- औपचारिक शिक्षा भौतिक मूल्यों से जुड़ी होती है और हमें भौतिक साधनों को जुटाने हेतु प्रेरित करती है।
- औपचारिक शिक्षा का उद्देश्य बालक को परीक्षा उत्तीर्ण कराकर प्रमाण-पत्र प्राप्त कराना है।
- औपचारिक शिक्षा में शिक्षा के उद्देश्य, पाठ्यक्रम, स्थान, समय, अध्यापक आदि सुनिश्चित कर लिए जाते हैं।
औपचारिक शिक्षा के साधन के संबंध में जॉन ड्यूवी का कथन सही है, “बिना औपचारिक शिक्षा के यह संभव नहीं है कि हम इस जटिल समाज के स्रोतों व उपलब्धियों को हस्तान्तरित कर सकें, यह अनुभवों हेतु एक रास्ता खोलता है जो युवा वर्ग के लिए अप्राप्य है, यदि अन्य व्यक्तियों के साथ औपचारिक प्रशिक्षण हेतु छोड़ दिया जाये।”
(Without formal education, it is not possible to transmit all the resources and achievements of a complex society. It also open a way to a kind of experience which would not be accessible to the young, if they are left to pick-up their training in informal association with others.)
औपचारिक शिक्षा के दोष - Disadvantages of Formal Education in Hindi
- यह शिक्षा सैद्धान्तिक अधिक व व्यवहारिक कम है।
- औपचारिक शिक्षा बालक को यह सिखाती है कि उसके जीवन का प्रमुख उद्देश्य परीक्षा उत्तीर्ण करके प्रमाण-पत्र प्राप्त करना है।
- यह शिक्षा अध्यापक को भी पाठ्यक्रम पूरा करने तक सीमित कर देती है।
- शिक्षा विद्यालय की चारदीवारी में बँध जाती है।
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