लकड़बग्घे पर निबंध- लकड़बग्घा एक स्तनपायी जानवर हैं जो अफ्रीका और एशिया महाद्वीप में पाया जाता है। लकड़बग्घा खाद्य श्रृंखला में संतुलन बनाकर पारिस्थित
लकड़बग्घे पर निबंध - Essay on Hyena in Hindi
लकड़बग्घे पर निबंध- लकड़बग्घा एक स्तनपायी जानवर हैं जो अफ्रीका और एशिया महाद्वीप में पाया जाता है। लकड़बग्घा खाद्य श्रृंखला में संतुलन बनाकर पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये सड़ा हुआ मांस खाकर पर्यावरण को शुद्ध करने में मदद करते हैं। इस निबंध में हम लकड़बग्घे के बारे में जानेंगे और इसकी विशेषताओं का पता लगायेंगे।
लकड़बग्घा का फर पीले-भूरे फर रंग का होता है जिस पर अंडाकार धब्बे होते है। हालांकि लकड़बग्घे दिखने में कुत्ते के समान होते हैं परन्तु यह बिल्ली से अधिक निकटता से संबंधित हैं। लकड़बग्घे अपनी डरावनी हंसी, खानाबदोश व्यवहार और अपने शक्तिशाली जबड़ों के लिए जाने जाते हैं। लकड़बग्घे की पीठ झुकी हुई होती है, जो उन्हें विशिष्ट रूप देती है। उनके कान नुकीले और अत्यधिक संवेदनशील होते हैं, जिससे वे लंबी दूरी तक ध्वनि का पता लगा सकते हैं।
लकड़बग्घे अत्यधिक सामाजिक जानवर हैं जो समूहों में रहते हैं। इन समूहों में 80 लकड़बग्घे तक हो सकते हैं। वे ध्वनियों और शरीर की विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से संवाद करते हैं। लकड़बग्घों की यह विशेषता है कि ये अगर झुंड में हों तो शेरों से भी नहीं डरते। अगर ढेर सारे लकड़बग्घे हों तो वो शेरों का भी शिकार कर सकते हैं।
हाइना मांसाहारी होते हैं। जिसका अर्थ है कि वे मुख्य रूप से मांस खाते हैं। लकड़बग्घे को को सड़ा हुआ मांस और मृत पशुओं को खाने के लिए जाना जाता है। जिसका अर्थ है कि वे ऐसा भोजन ढूंढते हैं जो पहले से ही मर चुका होता है और उसे अपने भोजन के रूप में खाते हैं। लकड़बग्घे अक्सर शेरों के पास रहते हैं, इसलिए शेरों द्वारा छोड़े गए शिकार को वे खा जाते हैं।हाइना के जबड़े मजबूत होते हैं जो उन्हें अपना भोजन मारने में मदद करते हैं। वे मृग और जेब्रा जैसे बड़े जानवरों को खाते हैं।
लकड़बग्घे जंगल में लगभग 10 से 12 साल तक जीवित रहता है। जबकि, कैद में, वे 25 साल तक जीवित रह सकते हैं। क्योंकि कैद में लकड़बग्घों को शिकारियों और आवास और भोजन सम्बन्धी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता।
लकड़बग्घे को भारत में लुप्तप्राय नहीं माना जाता है लेकिन फिर भी उन्हें विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। मानव गतिविधियों जैसे अवैध शिकार, और मनुष्यों के साथ संघर्ष के कारण निवास स्थान का नुकसान कुछ ऐसे खतरे हैं जिनका वे सामना करते हैं। इसलिए लकड़बग्घे का संरक्षण बेहद जरूरी है।
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