Class 11 Hindi Aroh Rajni Question Answer Chapter 7 - रजनी पाठ के प्रश्न उत्तर कक्षा 11
Class 11 Hindi Aroh Rajni Question Answer Chapter 7 - रजनी पाठ के प्रश्न उत्तर कक्षा 11
प्रश्न 1. रजनी ने अमित के मुद्दे को गम्भीरता से लिया, क्योंकि-
- (क) वह अमित से बहुत स्नेह करती थी।
- (ख) अमित उसकी मित्र लीला का बेटा था।
- (ग) वह अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाने की सामर्थ्य रखती थी।
- (घ) उसे अखबार की सुर्खियों में आने का शौक था।
उत्तर- (ग) वह अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाने की सामर्थ्य रखती थी।
प्रश्न 2. जब किसी का बच्चा कमज़ोर होता है, तभी उसके माँ-बाप ट्यूशन लगवाते हैं। अगर लगे कि कोई टीचर लूट रहा है, तो उस टीचर से न लें ट्यूशन, किसी और के पास चले जाएँ.... यह कोई मजबूरी तो है नहीं -प्रसंग का उल्लेख करते हुए बताएँ कि यह संवाद आपको किस सीमा तक सही या गलत लगता है, तर्क दीजिए।
उत्तर - रजनी ट्यूशन के रैकेट के सम्बन्ध में निदेशक के पास जाती है। उसे बताती है कि बच्चों को जबरदस्ती ट्यूशन लेने के लिए कहा जाता है। ऐसे लोगों के सम्बन्ध में बोर्ड क्या कर रहा है ? निदेशक ने इस समस्या को गम्भीरता से नहीं लिया। वे सहज भाव से कहते हैं कि ट्यूशन करने में कोई मजबूरी नहीं है। कमजोर बच्चे को ट्यूशन पढ़ना पड़ता है। यदि कोई अध्यापक उन्हें लूटता है तो वे दूसरे के पास चले जाएँ।
शिक्षा निदेशक का यह जवाब बहुत घटिया तथा गैरजिम्मेदाराना है। वे ट्यूशन को बुरा नहीं मानते। उन्हें इसमें गम्भीरता नज़र नहीं आती। वे बच्चों के शोषण को नहीं रोकना चाहते। ऐसी बातें कहकर वह अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ना चाहता है। अत: यह संवाद पूरी तरह से गलत है।
प्रश्न 3. तो एक और आंदोलन का मसला मिल गया - फुसफुसाकर कही गई यह बात -
(क) किसने किस प्रसंग में कही ?
उत्तर- यह बात रजनी के पति रवि ने उस समय कही जब रजनी ने भाषण देते समय निजी स्कूल के टीचर्स की समस्याओं का जिक्र किया। उन्हें कम वेतन मिलता था। रजनी उन्हें संगठित होकर आंदोलन चलाने की सलाह दे रही थी जिससे इस अन्याय का पर्दाफाश हो सके।
(ख) इससे कहने वाले की किस-किस मानसिकता का पता चलता है ?
उत्तर- रवि की इस बात से उसकी उदासीन प्रवृत्ति का पता चलता है। वह समाज में होने वाले अन्याय को देखकर कोई प्रतिक्रिया नहीं करता । वह स्वार्थी है और अपने तक ही सीमित रहता है।
प्रश्न 4. रजनी धारावाहिक की इस कड़ी की मुख्य समस्या क्या है? क्या होता अगर-
- (क) अमित का पर्चा सचमुच खराब होता।
- (ख) सम्पादक रजनी का साथ न देता।
उत्तर - रजनी धारावाहिक की इस कड़ी की मुख्य समस्या शिक्षा का व्यवसायीकरण है। स्कूल के अध्यापक बच्चों को ज़बरदस्ती ट्यूशन पढ़ने के लिए बाध्य करते हैं तथा ट्यूशन न लेने पर वे उनके अंक कम कर देते हैं। इस कड़ी में इसके विरुद्ध लोगों में चेतना उत्पन्न करने की कोशिश की गई है।
(क) अगर अमित का पेपर खराब होता तो यह समस्या सामने नहीं आती और न ही रजनी इसे आंदोलन का रूप दे पाती। बच्चों तथा अभिभावकों को ट्यूशन के शोषण से पीड़ित न होना पड़ता।
(ख) यदि सम्पादक रजनी का साथ न देता तो यह समस्या सीमित लोगों के मध्य ही रह जाती। कम संख्या का बोर्ड पर कोई असर नहीं होता। आंदोलन पूरी ताकत से नहीं चल पाता और सफलता संदिग्ध रहती।
पाठ के आस-पास
प्रश्न 1. गलती करने वाला तो है ही गुनहगार, पर उसे बर्दाश्त करने वाला भी कम गुनहगार नहीं होता - इस संवाद के सन्दर्भ में आप सबसे ज्यादा किसे और क्यों गुनहगार मानते हैं?
उत्तर- इस संवाद के सन्दर्भ में सबसे ज्यादा दोषी गणित अध्यापक के अत्याचार को सहने वाला है। अध्यापक ट्यूशन लेने के लिए छात्रों को डराता है, कम अंक देता है। इस कार्य को सहन करने से उसका हौसला बढ़ता है। उसका विरोध करके उसे दबाया जा सकता है। इस प्रकार गणित के अध्यापक और इसे सहने वाला दोनों ही दोषी हैं।
प्रश्न 2. स्त्री के चरित्र की बनी बनाई धारणा से रजनी का चेहरा किन मायनों में अलग है ?
उत्तर - रजनी साधारण स्त्रियों से अलग है। आम स्त्री सहनशील तथा डरपोक होती है। वह अन्याय का विरोध नहीं करती एवं संघर्षों से दूर रहना चाहती है। रजनी इन सबके विपरीत जुझारू, संघर्षशील एवं बहादुर है। वह अपने सामने हो रहे अन्याय को नहीं सहन कर सकती। वह अपने पति तक को खरी-खोटी सुनाती है एवं अधिकारियों की खिंचाई करती है। यह ट्यूशन के विरोध में जन-आंदोलन खड़ा कर देती है।
प्रश्न 3. पाठ के अन्त में मीटिंग के स्थान का विवरण कोष्ठक में दिया गया है। यदि इसी दृश्य को फिल्माया जाए तो आप कौन-कौन से निर्देश देंगे ?
उत्तर- यदि मीटिंग दृश्य फिल्माया जाए तो हम निम्नलिखित निर्देश देंगे-
- स्टेज के पीछे बैनर लगा हो तथा उस पर एजेंडा लिखा होना चाहिए।
- रजनी को अपने डायलॉग्स पूर्णरूप से याद होने चाहिए।
- मीटिंग स्थल पर प्रवेश करने वालों को जोश से आना-जाना होगा।
- स्टेज पर माइक तथा कुर्सी होनी चाहिए।
- तालियाँ इत्यादि समयानुसार बजें।
प्रश्न 4. इस पटकथा में दृश्य- संख्या का उल्लेख नहीं है। मगर गिनती करें तो सात दृश्य हैं। आप किस आधार पर इन दृश्यों को अलग करेंगे ?
उत्तर- पटकथा में दृश्य - संख्या नहीं है, किन्तु दृश्य अलग-अलग दिए गए हैं। हम सभी दृश्यों को स्थान के आधार पर अलग-अलग करेंगे।
भाषा की बात
प्रश्न 1. निम्नलिखित वाक्यों के रेखांकित अंश में जो अर्थ निहित हैं उन्हें स्पष्ट करते हुए लिखिए-
(क) वरना तुम तो मुझे काट ही देतीं।
उत्तर- काट ही देतीं - भूल ही जाना।
स्पष्टीकरण - रजनी कहती है कि अगर वह लीला के घर पर न आती तो वह उसे मिठाई खिलाने की बात भूल ही जाती।
(ख) अमित जब तक तुम्हारे भोग नहीं लगा लेता, हम लोग खा थोड़े ही सकते हैं।
उत्तर- भोग नहीं लगा - चखाना।
स्पष्टीकरण- लीला कहती है कि अमित जब तक रजनी आंटी को खिला नहीं लेता, तब तक वह किसी और को नहीं खाने देता।
थोड़े ही - नहीं।
स्पष्टीकरण - वह हमें तब तक खाने नहीं देता जब तक वह तुम्हें न खिला आए।
(ग) बस बस मैं समझ गया।
उत्तर- बस बस - अधिक कहने की जरूरत नहीं।
स्पष्टीकरण - सम्पादक महोदय रजनी की बात पर कहते हैं कि और अधिक कहने की आवश्यकता नहीं, मैं सारी बात समझ गया।
अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न
प्रश्न 1. 'रजनी' पाठ का प्रतिपाद्य बताइए ।
उत्तर - यह पाठ शिक्षा के व्यवसायीकरण, ट्यूशन के रैकेट, अधिकारियों की उदासीनता तथा आम जनता द्वारा अन्याय का विरोध आदि के बारे में बताता है। यह हमें अन्याय का विरोध करने की प्रेरणा देता है। यह पाठ सिखाता है कि यदि अन्याय को नहीं रोका गया तो वह बढ़ता जाएगा। अन्याय का विरोध समाज को साथ लेकर हो सकता है, क्योंकि आम आदमी की सहभागिता के बिना सामाजिक, प्रशासनिक व राजनैतिक व्यवस्था में सकारात्मक परिवर्तन सम्भव नहीं है।
प्रश्न 2. गणित के टीचर के खिलाफ अन्य बच्चों ने आवाज क्यों नहीं उठाई ?
उत्तर- गणित का अध्यापक बच्चों को जबरदस्ती ट्यूशन पर आने के लिए कहता था। ऐसा न करने पर उनके अंक तक काट देता था। दूसरे बच्चों ने उसके खिलाफ आवाज नहीं उठाई, क्योंकि उन्हें लगता था कि ऐसा करने पर अगली कक्षाओं में भी उनके साथ भेदभाव किया जाएगा। अध्यापक उनका भविष्य बिगाड़ देगा और उसका कुछ नहीं बिगड़ेगा। इस डर से अमित व उसकी माँ भी रजनी को विरोध करने से रोकना चाहते थे।
प्रश्न 3. रजनी सम्पादक से क्या सहायता माँगती है ?
उत्तर- रजनी सम्पादक को ट्यूशन की समस्या बताती है तथा उसे अखबार में छापने का आग्रह करती है। वह उनसे कहती है कि 25 तारीख को पेरेंट्स मीटिंग की खबर भी प्रकाशित करें। इससे सब लोगों तक खबर पहुँच जाएगी। व्यक्तिगत तौर पर हम कम लोगों से सम्पर्क कर पाएँगे।
प्रश्न 4. शिक्षा बोर्ड और प्राइवेट स्कूलों के बीच क्या सम्बन्ध होता है?
उत्तर - शिक्षा बोर्ड शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए प्राइवेट स्कूलों को 90% सहायता देकर मान्यता देता है। यह सहायता स्कूलों के रखरखाव, अध्यापक और विद्यार्थियों के स्तर को ऊँचा उठाने के लिए दी जाती है। शिक्षा बोर्ड के नियमों का पालन करना प्राइवेट स्कूल का कर्तव्य है। शिक्षा बोर्ड सिलेबस बनाता है, वार्षिक परीक्षा बोर्ड करवाता है।
प्रश्न 5. सरकारी कार्यालयों की व्यवस्था पर टिप्पणी कीजिए ।
उत्तर - सरकारी कार्यालयों में आम आदमी को परेशान किया जाता है। यहाँ हर कदम पर भ्रष्टाचार है। अफसर अन्दर खाली बैठे रहते हैं, परन्तु बाहर 'बिजी' होने का सन्देश दिया जाता है। चपरासी भी रिश्वत लेकर ही मुलाकातियों को साहब से मिलने भेजता है। अधिकारी का रवैया काम को टालने वाला होता है । उसे जनता से कोई लेना-देना नहीं होता ।
प्रश्न 6. 'रजनी' के चरित्र की विशेषताएँ लिखिए ।
उत्तर- 'रजनी' इस पाठ की नायिका है। उसके चरित्र का सबसे बड़ा गुण संघर्षशीलता है । वह अन्याय के विरुद्ध टक्कर लेने में कुशल है । वह निर्भय, बेबाक तथा आत्मविश्वास से परिपूर्ण महिला है। वह सत्य के लिए किसी से भी टकराने की हिम्मत रखती है। उसमें लोगों को इकट्ठा करने तथा उन्हें अपनी बातों से प्रभावित करने की विचित्र शक्ति है। वह सच्चे अर्थों में नायिका है।
प्रश्न 7. अमित के चरित्र पर टिप्पणी कीजिए ।
उत्तर - अमित एक प्रतिभाशाली बालक है। वह पढ़ाई में काफी होशियार है। उसे अपने अध्यापकों पर भी श्रद्धा है। अभी वह न्याय-अन्याय की परिभाषा को नहीं समझता । अतः अध्यापक द्वारा ट्यूशन पढ़ने की बात कहने पर वह बिना किसी तर्क-वितर्क के उसे मान लेना चाहता है। वह किसी भी स्थिति में अपने अध्यापक को नाराज नहीं करना चाहता । सच तो यह है कि वह ट्यूशन की जबरदस्ती को अन्याय समझता ही नहीं । अतः वह अध्यापक के प्रति एक भी कठोर शब्द नहीं कहता।
प्रश्न 8. ट्यूशन पढ़ाने वाले पाठक जी किस युक्ति से अमित को ट्यूशन पढ़ने के लिए बाध्य करते हैं?
उत्तर- पाठक जी अमित को ट्यूशन पढ़ने के लिए कुछ युक्तियों से बाध्य करते हैं। जैसे - वे अमित को डराते हैं कि वार्षिक परीक्षा में पूरे अंक लेने के लिए ट्यूशन जरूरी हैं। वे उसे धमकी भी देते हैं कि ट्यूशन के बिना रह जाओगे।' वे ट्यूशन पढ़ने वाले अन्य लड़कों के नाम लेकर उसे प्रेरित करते हैं।
प्रश्न 9. क्या आप हैडमास्टर को ट्यूशन में सहायता करने का दोषी मानते हैं?
उत्तर- हैडमास्टर ट्यूशन के काले धन्धे में प्रत्यक्ष रूप से दोषी नहीं है। वह किसी अध्यापक का समर्थन नहीं करता। लेकिन वह अपने कर्तव्य के प्रति लापरवाह अवश्य है। स्कूल का मुखिया होने के नाते उसका यह उत्तरदायित्व है कि वह ट्यूशन पर लगाम कसे । कोई भ्रष्ट अध्यापक ट्यूशन के लिए छात्र के भविष्य के साथ खिलवाड़ न करे। अगर उसे इस प्रकार की शिकायत मिलती है तो शीघ्र उस पर कार्यवाही करे। लेकिन वह ऐसा कुछ नहीं करता। इसलिए वह लापरवाही करने का दोषी है।
प्रश्न 10. लीला बेन के व्यवहार पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर - लीला बेन एक साधारण घरेलू महिला है। वह अपने बच्चे के हित की कामना करती है तथा वस्तुस्थिति के अनुसार सोच-समझकर निर्णय करती है। उसमें अन्याय का विरोध करने की हिम्मत नहीं है। अपने प्रिय पुत्र के भविष्य को दाँव पर लगाकर संघर्ष करने की बजाय वह थोड़ा-बहुत अन्याय सहन करना ही उचित मानती है। इसलिए वह रजनी अमित के स्कूल में जाकर झगड़ा करने से रोकती है।
प्रश्न 11. अमित अपने गणित अध्यापक से नाराज न होकर अपनी माँ से क्यों नाराज होता है?
उत्तर- अमित अबोध बालक है। वह वस्तुस्थिति नहीं समझता। वह नहीं जानता कि उसके गणित - अध्यापक लोभ में अन्धे होकर ट्यूशन पढ़ने के लिए जबरदस्ती कर रहे हैं और जान-बूझकर कम अंक दे रहे हैं। वह अन्य लड़कों को भी ट्यूशन पढ़ते देखकर सोचता है कि शायद ट्यूशन लेना आवश्यक है। उसकी माँ उसे गणित की ट्यूशन पढ़ने के लिए रोकती है। अतः वह गणित में कम अंक आने में अपनी माँ को दोषी समझता है।
प्रश्न 12. वार्षिक परीक्षाओं की कॉपियाँ न दिखाने के पीछे हैडमास्टर का क्या तर्क है? क्या आप उससे सहमत हैं?
प्रश्न 13. रजनी अपने पति को किस बात के लिए डाँटती - दुत्कारती है ?
उत्तर- रजनी अपने पति रवि को तब डाँटती है जब वह उसे ट्यूशन के विरुद्ध संघर्ष करने से रोकता है। रजनी के अनुसार, प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है कि वह अपनी आँखों के सामने होते हुए अन्याय को रोके । वह अपने पति को भी संघर्षशील, जुझारू तथा समाज का हित चिन्तक बनाना चाहती है।
प्रश्न 14. क्या शिक्षा निदेशक को शिकायत मिलने पर ही कार्यवाही करनी चाहिए ? तर्क सहित उत्तर दीजिए।
उत्तर- शिक्षा-निदेशक रजनी को तर्क देता है कि उसे आज तक ट्यूशन के सन्दर्भ में कोई शिकायत ही नहीं मिली। इसलिए वह किसी पर कार्यवाही कैसे करे। शिक्षा निदेशक का यह व्यवहार ठीक नहीं है। उसका यह कर्तव्य बनता है कि वह सामान्य रूप से भी शिक्षा के कामकाज पर निगरानी रखे। यदि कोई अध्यापक जबरदस्ती ट्यूशन लेता पाया जाता है तो उसके विरुद्ध कार्यवाही करे।
प्रश्न 15. छात्रों तथा अध्यापकों की समस्याएँ देखते हुए ट्यूशन पढ़ाने की समस्या के लिए क्या समाधान निकाला जाता है?
उत्तर- छात्रों एवं अध्यापकों की अपनी-अपनी समस्याएँ हैं । कमजोर छात्रों को ट्यूशन की आवश्यकता है। जरूरतमंद अध्यापकों को ट्यूशन पढ़ाकर कमाने की जरूरत है। इसलिए यह समाधान निकाला गया कि कोई भी अध्यापक अपने स्कूल के बच्चों को ट्यूशन न पढ़ाए। इससे अध्यापक की मनमानी और जबरदस्ती समाप्त हो सकेगी।
प्रश्न 16. "ट्यूशन पढ़ना-पढ़ाना छात्र और अध्यापक का मामला है।" आप इस तर्क से कहाँ तक सहमत हैं?
उत्तर- मैं इस तर्क से कतई सहमत नहीं हूँ । यदि कोई अध्यापक स्कूल के विद्यार्थी को ट्यूशन पढ़ने के लिए बाध्य करता है तो यह स्कूल के हैडमास्टर का नैतिक कर्तव्य बनता है कि वह ऐसा न होने दे। हैडमास्टर यह कहकर बच नहीं सकता कि यह अध्यापक और छात्र का आपसी मामला है। इस तरह से छात्र असहाय और अध्यापक नियन्त्रणहीन हो जाएगा।
प्रश्न 17. ट्यूशन पढ़ाने के मामले में शिक्षा बोर्ड का क्या रुख है? क्या आप इससे सहमत हैं ?
उत्तर- ट्यूशन पढ़ने-पढ़ाने के सन्दर्भ में शिक्षा - निदेशक बिल्कुल उदासीन हैं। उनके अनुसार अगर कोई बच्चा एक अध्यापक से ट्यूशन नहीं पढ़ता, तो उसे किसी अन्य से ट्यूशन ले लेनी चाहिए। शिक्षा निदेशक ट्यूशन को एक बुराई नहीं मानता। यह चिन्ता का विषय है।
प्रश्न 18. इस पाठ के आधार पर अध्यापकों की समस्याओं पर प्रकाश डालिए।
उत्तर- कुछ अध्यापक प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाते हैं । उनमें से कुछ ऐसे हैं जिन्हें बहुत कम तनख्वाह मिलती है। इसलिए उन्हें ट्यूशन पढ़ाकर ही गुजारा करना पड़ता है। ट्यूशन पढ़ाना उनके लिए सहारा है, मजबूरी है, जीवन का आधार है। कुछ अध्यापकों का सरेआम शोषण होता है। उन्हें कम तनख्वाह मिलती है लेकिन अधिक पर हस्ताक्षर कराए जाते हैं। मजबूरी में उन्हें अपना शोषण सहन करना पड़ता है क्योंकि दूसरी जगह उन्हें नौकरी नहीं मिलती।
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