क्लेम कहानी का सारांश - जून की चिलचिलाती हुई धूप थी। अड़डे से ताँगा चल पड़ा। साधुसिंह... ताँगेवाला, जिसके जीवन का एकमात्र सहारा उसका घोड़ा था। उसे वह
क्लेम कहानी का सारांश - Claim Story Summary in Hindi
क्लेम कहानी का सारांश - जून की चिलचिलाती हुई धूप थी। अड़डे से ताँगा चल पड़ा। साधुसिंह... ताँगेवाला, जिसके जीवन का एकमात्र सहारा उसका घोड़ा था। उसे वह प्यार से अफसरा कहता था। ताँगे में बैठी हुई एक बूढ़ी औरत, सरदारजी, एक आदमी..... तीनों सवारियाँ क्लेम्ज के दफ्तर जा रही थी। तीनों अपना अपना दुखड़ा सुना रहे थे। सरदारजी को साठ हजार रूपए मिलनेवाले थे। लेकिन वे छह भाई थे। हर एक के हिस्से दस हजार आनेवाले थे। उसने असली क्लेम नहीं भरा था। वाहे गुरु का नाम लेकर इस कदर फॉर्म भरा कि जायदाद की असली कीमत डेढ़ लाख तो वसूल हो जाए। बूढ़ी औरत अपने मृत पति को कोसने लगी। काश उसने भी कुछ बढ़ाचढ़ाकर कीमत लिख दी होती । उसे ज्यो- ज्यों करके केवल छह हजार रूपए मिल चुके हैं। घर पर दो जवान बेटियाँ हैं और बुढ़ापे में उसे क्लेम्ज दफ्तर के चक्क काटने पड़ रहे है। तीसरा आदमी बीमार था। मुर्दे की तरह जी रहा था । उसे संतोष इस बात का था कि आज उसे कोई एक हजार रूपए दे देगा। वह छोटी-छोटी दुकाने खोलेगा। साधुसिंह चुप था । वह सवारियों की बातें सुन रहा था। सवारियों को छोड़कर वह शहर वापस लौट पडा...। ताँगे की गति धीमी थी। उसकी आँखों के सामने वे दिन आ गए। उसका किराए का मकान... आँगन.. आँगन में लगाया हुआ आम का पेड... उसकी अंबियाँ... कच्ची अंबियों खानेवाली उसकी पत्नी दीरा। उसका जीवन सुख— समृदधि से भरपूर था। अब नई संतान का आगमन होनेवाला था... कि अचानक किसी की नज़र लग गई। एक रात..... बलवा हुआ... बलवाई उसके घर में घूसे । साधुसिंह और हीरा दोनों घर के पिछवाड़े से भाग रहे थे। साधुसिंह खिड़की से नीचे कूदा लेकिन हीरा बलवाइयों की गिरफ्त में आ गई। उस रात साधुसिंह बेतहाशा भाग रहा था... उसी हालत स्टेशन पहुँचा.... रजिस्टर में उसका नाम दर्ज हुआ... लेकिन उसके नाम पर क्लेम कुछ भी नही रहा... वह भी क्या दर्ज करता ? आज वह अकल ताँगा चला हीरा अफसर उसका एकमात्र सहारा है। उसकी पत्नी हीरा न जाने कहाँ होगी ? आज उसकी गोद में न जाने किसके बच्चे होगें ? साधुसिंह अतीत से वर्तमान लौट आता है... अड्डे पर पहुँचता है... अफसरा को चारा खिलाता है। पुराने दिन फिर आएँगे। इस आशा पर फिर अफसरा पर ही पूरा भरोसा रखता है।
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