थोथा चना बाजे घना मुहावरे का अर्थ होता है– गुण से ज्यादा दिखावा करना; छोटा आदमी बहुत इतराता है; कम ज्ञान और दिखावा अधिक; अति सामान्य व्यक्ति द्वारा अप
थोथा चना बाजे घना मुहावरे का अर्थ
थोथा चना बाजे घना मुहावरे का अर्थ होता है– गुण से ज्यादा दिखावा करना; छोटा आदमी बहुत इतराता है; कम ज्ञान और दिखावा अधिक; अति सामान्य व्यक्ति द्वारा अपने महत्त्व का अधिक बखान करना।
थोथा चना बाजे घना मुहावरे का वाक्य प्रयोग
वाक्य प्रयोग– वर्तमान समाज के बहुत से लोग 'थोथा चना बाजे घना' वाली स्थिति को प्रदर्शित करते रहते हैं। जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण आजकल के अभिनेता है जो पर्दे पर तो बड़ी बड़ी बातें करते हैं और खुद हर गलत काम में लिप्त हैं।
वाक्य प्रयोग– महेश के गले से आवाज़ तो निकलती नहीं और कहता है कि मंच पर अभिनय करूँगा। किसी ने ठीक ही कहा है-थोथा चना बाजे घना।
वाक्य प्रयोग– अंशुल हमेशा अपने गांव की पुश्तैनी हवेली के बारे में बड़ी-बड़ी डींगें मारा करता था जबकि उसके शहर के मकान में प्लास्टर भी नहीं है। इसीलिए कहा भी गया है कि थोथा चना, बाजे घना।
वाक्य प्रयोग– चुनावी प्रक्रिया के दौरान बहुत से राजनेता अपनी सत्यनिष्ठा और कर्तव्यपरायणता का ढिंढोरा पीटते रहते हैं जबकि उनका वास्तविक आचरण दुगुणों और अनैतिकता से भरा रहता है। अपनी झुठी सत्यनिष्ठा को प्रदर्शित करते हए वे थोथा चना बाजे घना की कहावत को चरितार्थ करते हैं।
वाक्य प्रयोग– ज्ञानेश दो बार बारहवीं में फेल हो चुका है और बातें ऐसे करता है मानो बहुत बड़ा टॉपर हो। यह तो वही कहावत साबित हो गयी थोथा चना बाजे घना।
थोथा चना बाजे घना एक प्रसिद्ध हिन्दी मुहावरा है जिसका का अर्थ है– गुण से ज्यादा दिखावा करना; छोटा आदमी बहुत इतराता है; कम ज्ञान और दिखावा अधिक; अति सामान्य व्यक्ति द्वारा अपने महत्त्व का अधिक बखान करना। यदि किसी व्यक्ति को कम ज्ञान होता हे और वो बहुत ज्ञान बताता हे उसे ही थोथा चना बजे घना कहते हैं।
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