आपात धर्म के कार्य लिखिए।
आपात धर्म के कार्य
1. आपात धर्म रोग, शोक, विपत्ति और धर्म संकट की स्थिति में व्यक्ति को कर्तव्य नियमों से छूट प्रदान करता है।
2. यह धर्म व्यक्ति को अपने प्राणों की रक्षा करने के लिए किसी भी प्रकार का आचरण करने की छूट देता है।
3. यह धर्म संकट में घिरे व्यक्ति की सहायता करने की अन्य व्यक्तियों को छुट देता है, भले ही सहायता करने में उन्हें नियमों की अवहेलना करनी पड़े।
4. यह धर्म समाज के साथ-साथ व्यक्तित्व को भी संगठित रखता है।
5. यह सामाजिक एकता में सहायता प्रदान करता है।
6. यह द्वेष और घृणा की भावना उत्पन्न नहीं करता है।
7. यह धर्म ऐसे किसी व्यक्ति को समाज से बहिष्कार करने की अनुमति नहीं देता हो, जिसने आपत्ति के समय अपने प्राणों की रक्षा करने के लिए धर्म के विरुद्ध कोई कार्य किया। शास्त्रों में भी इस बात का उल्लेख मिलता है कि - 'आपत्ति काले मर्यादा नास्ति' ।