ग्रामीण एवं नगरीय जीवन में अंतर बताइए।
ग्रामीण एवं नगरीय जीवन में अंतर : इस लेख में गांव तथा नगरीय अर्थात शहरी जीवन में प्रमुख अंतर बताये गए हैं।
ग्रामीण एवं नगरीय जीवन में अंतर - Gramin Tatha Nagariya Jeevan mein Antar
क्र.सं. | ग्रामीण जीवन | नगरीय जीवन |
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1 | ग्रामीण जीवन में एकरूपता अधिक दिखाई देती है। | नगरीय जीवन में एकरूपता का अभाव पाया जाता है। |
2 | ग्रामीण जीवन पर पर्यावरण प्रदूषण का प्रभाव न के बराबर होता है क्योकि ग्रामों की जनसंख्या नगरों की अपेक्षा कम होती है। | नगरीय जीवन पर पर्यावरण प्रदूषण का अधिक प्रभाव पड़ता है क्योंकि नगरों की जनसंख्या ग्रामों की अपेक्षा अधिक होती है। |
3 | ग्रामीण जीवन का सम्बन्ध मुख्यतः कृषि, लघु व कुटीर उद्योगों से होता है। | नगरीय जीवन का सम्बन्ध मुख्यतः व्यापार, पेशा व नौकरी पर बड़े पैमाने के उद्योगों से आधारित होता है। |
4 | ग्रामों में व्यक्ति की सामाजिक प्रतिष्ठा जन्म पर आधारित होती है। | नगरों में व्यक्ति की सामाजिक प्रतिष्ठा जन्म पर आधारित न होकर उसके व्यक्तिगत गुणों पर आधारित होती है। |
5 | ग्रामीण जीवन अपेक्षाकृत कम खुशहाल होता है क्योंकि ग्रामवासी संयुक्त परिवार अधिक पसन्द करते हैं, जिसके कारण इनके परिवार का आकार बड़ा होता है। | नगरीय जीवन अपेक्षाकृत अधिक खुशहाल होता है क्योंकि नगरों के लोग एकाकी परिवार अधिक पसन्द करते हैं, जिसके कारण इनके परिवार का आकार छोटा होता है। |