कल्याणकारी बनाम न्यूनतम राज्य पर टिप्पणी लिखिये।
कल्याणकारी बनाम न्यूनतम् राज्य
19 वीं सदी में उदारवाद के प्रादुर्भाव के साथ ही 'न्यूनतम राज्य' की धारणा का प्रादुर्भाव हुआ और पूंजीवाद अपने चरम पर पहुँच गया।
परन्तु शीघ्र ही 20वीं सदी तक इसके व्यापक दुष्प्रभाव दिखाई पड़ने लगे और सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक प्रत्येक क्षेत्र में राज्य के हस्तक्षेप व उत्तरदायित्व की धारणा बल पकड़ने लगी। इस धारणा के उदय में 'मार्क्सवाद' की भी सराहनीय भूमिका थी। पूंजीवादी राज्यों को तमाम् दुष्प्रभावों के निदान व समाजवाद के प्रसार को रोकने के लिये अपने स्वरूप में परिवर्तन करना पड़ा और नया स्वरूप “कल्याणकारी राज्य" के रूप में जाना जाता है।
इस प्रकार 'न्यूनतम् राज्य' जहाँ राज्य के अहस्तक्षेप पर बल देता है वहीं 'कल्याणकारी राज्य' राज्य के प्रत्येक क्षेत्र में सकारात्मक व रचनात्मक हस्तक्षेप का पुरजोर समर्थक है।