प्रधानमंत्री और संसद पर टिप्पणी लिखिए।
ब्रिटिश संविधान के अन्तर्गत प्रधानमंत्री का पद परम्परा का आधारित है किन्तु भारत मे प्रधानमंत्री के पद को संवैधानिक मान्यता प्राप्त है। भारतीय संसदीय व्यवस्था के अन्तर्गत प्रधानमंत्री का दोहरा व्यक्तित्व देखने को मिलता है। एक ओर तो वह मंत्रिपरिषद का प्रमुख होता है तो दूसरी ओर लोकसभा का नेता होता है। प्रधानमंत्री के अलावा मंत्रिपरिषद का कोई अन्य सदस्य संसद में समस्त मंत्रिमंडल का नेतृत्व नहीं करता। सरकार की शासन से सम्बन्धित नीतियों, कार्यक्रमों की अधिकृत घोषणा प्रधानमंत्री के द्वारा ही की जाती है। संसद में मंत्रिपरिषद के सदस्यों के द्वारा किये गये बयानों से उत्पन्न भ्रान्तियों का निराकरण प्रधानमंत्री ही करता है। संसदीय व्यवस्थापन की समस्त कार्यवाही के सचालन में प्रधानमंत्री ही नेतृत्व प्रदान करता है। प्रधानमंत्री के निर्देशन में ही वार्षिक बजट सभी सरकारी विधेयक तैयार किये जाते हैं।
संसद का अधिवेशन बुलाने उसे स्थगित करने का कार्य यद्यपि राष्ट्रपति के द्वारा किया जाता है किन्तु राष्ट्रपति यह कार्य प्रधानमंत्री की सलाह पर ही करता है। भारतीय प्रधानमंत्री को संविधान के अन्तर्गत एक बहुत बड़ी शक्ति लोकसभा को विघटित करने की सिफारिशं राष्ट्रपति को करने के रूप में प्राप्त है। प्रधानमंत्री अपनी इस शक्ति के बल पर लोकसभा को अपनी-अपनी इच्छानुसार कार्य करने को बाध्य कर सकता है तथा सदन में अल्पमत की आशंका होने की स्थिति में वह सदन में भंग करने की सिफारिश राष्ट्रपति से करके लोकसभा को भंग करा सकता है।
0 comments: