शहरी / महानगरीय जीवन का वर्णन करते हुए मित्र को पत्र : अपने मित्र को पत्र लिखकर बताइए कि महानगरीय जीवन दुःखद भी है और सुखद भी।
महानगरीय जीवन का वर्णन करते हुए मित्र को पत्र
परीक्षा भवन
क० ख० ग.
दिनांक : 12 फरवरी, 2020
प्रिय मित्र सोहन
नमस्कार तुम्हारा पत्र मिले काफी दिन हो गये। मन में चिंता हो रही थी, तो तुम्हें पत्र लिखने का मन किया। कई दिनों पहले तुमने दिल्ली में रहने की उत्सुकता दिखाई थी। आज मैं तुम्हें दिल्ली के जीवन के बारे में अवगत कराना चाहता हूँ। तुम जानते हो कि दिल्ली, भारत की राजधानी है। यह ऐतिहासिक नगर है। यह नगर अनेक बार उजड़ा और बसा। यहाँ पर भिन्न-भिन्न संस्कृतियों के लोग आए और गए। यहाँ की चौड़ी सड़कें, गगनचुम्बी इमारतें तथा ऐतिहासिक इमारतें आदि एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करती हैं। यहाँ विश्व की सब सुविधाएँ तथा नौकरी के लिए हजारों क्षेत्र विद्यमान हैं। यहाँ चिकित्सा सुविधाएँ भी हैं।
इस महानगरी का दूसरा रूप बहुत बुरा है। यहाँ घंटों यातायात जाम रहता है। यहाँ पारस्परिक सद्भाव की कमी है। यहाँ प्रदूषण अधिक है। शोर-शराबे का आलम हैं। यहाँ चोरी और डकैती की घटनाएँ अकसर घटती रहती है। आशा है कि तुम महानगरीय जीवन से कुछ परिचित हो गए होंगे। शेष जानकरी तुम्हें साक्षात्कार होने पर मिल जाएगी। शेष सब कुशल हैं।
छोटों को प्यार व बड़ों को प्रणाम कहना।
तुम्हारा मित्र
अ० ब० स०
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