राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की जानकारी : राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम एक नई पहल है जिसका उद्देश्य 0 से 18 वर्ष के 27 करोड़ से भी अधिक बच्चों में चार प्रकार की परेशानियों की जांच करना है। इन परेशानियों में जन्म के समय किसी प्रकार के विकार, बीमारी, कमी और विकलांगता सहित विकास में रुकावट की जांच शामिल हैं। कमियों से प्रभावित बच्चों के लिए एनआरएचएम के तहत तृतीयक स्तर पर नि:शुल्क सर्जरी सहित प्रभावी उपचार प्रदान किया जाना चाहिए। यह काम मुश्किल है पर साथ ही आरबीएसके के क्रमवार दृष्टिकोण के जरिए इसे पूरा करना संभव है। यही प्रकार से कार्यान्वित होने पर बाल स्वास्थ्य संरक्षरण और संवर्धन में इसके अच्छे परिणाम सामने आएंगे। एनआरएचएम के तहत केंद्र और राज्य सरकार दोनों के बीच मजबूत साझेदारी अहम है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि मिशन के तहत प्रदान किये जाने वाले निधियन का समुचित इस्तेमाल हो। आरबीएसके सार्वभौमिक स्वास्थ्य देखभाल की दिशा में अग्राणी राह का संकेत करता है, जिसमें जनसंख्या के उस भाग पर सबसे अधिक जोर है, जिन्हें इसकी सर्वाधिक आवश्यकता है। अन्य प्रकार के प्रजनन तथा स्वास्थ्य योजनाओं के साथ आरबीएसके, एनआरएचएम के तहत महिलाओं और बच्चों को दीर्घावधि स्वास्थ्य लाभ प्रदान करेगा।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की जानकारी
- नवजातों के लिए- सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों में नवजातों की जांच के लिए सुविधा। जन्म से लेकर 6 सप्ताह तक जांच के लिए आशाओं द्वारा घर जाकर जांच करना।
- 6 सम्पाह से 6 वर्ष तक के बच्चों के लिए-समर्पित मोबइल स्वास्थ्य टीमों द्वारा आंगनवाड़ी केंद्र आधारित जांच।
- 6 वर्ष से 18 वर्ष तक के बच्चों के लिए-समर्पित मोबाइल स्वास्थ्य टीमों द्वारा सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल आधारित जांच।
- शिशु स्वास्थ्य जांच और प्रारंभिक स्तर की सेवाओं के लिए राज्य नोडल व्यक्तियों को चिन्हित करना।
- सभी जिलों को संचालन संबंधी दिशा-निर्देश के बारे में बताना।
- उपलब्ध राष्ट्रीय अनुमानों के अनुसार विभिन्न रोगों, त्रुटियों, कमियों, अक्षमताका राज्य/जिला परिमाण का अनुमान।
- राज्य स्तरीय बैठकों।
- जिला नोडल व्यक्तियों की भर्ती।
- समर्पित मोबाइल स्वास्थ्य दल की कुल आवश्यकता का अनुमान और स्वास्थ्य दलों की भर्ती।
- सुविधाओं/संस्थानों (विशेष स्वास्थ्य स्थितियों के इलाज के लिए सर्वाजनिक और निजी) का पता लगाना।
- जिला अस्पतालों में शुरूआती जांच केंद्रों (डीईआईसी) की स्थापना।
- ब्लाक मोबाइल स्वास्थ्य दल और जिला अस्पतालों के लिए उपकरणों की खरीद (संचालन दिशा-निर्देश में दी गई सूची के अनुसार)।
- मास्टर प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण।
- स्कूल, आगंनवाड़ी केंद्रों, आशा कार्यकर्ताओं, उपयुक्त प्राधिकारियों, विद्यार्थियों, माता-पिता और स्थानीय सरकार को पहले ही ब्लाक मोबाइल दलों के दौरें के कार्यक्रम के बारे में सूचित करना चाहिए ताकि आवश्यक तैयारी की जा सके।
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