किये गए अपराध के लिए प्रधानाचार्य से क्षमा याचना पत्र : सेवा में, प्रधानाचार्य महोदय, निवेदन है कि मैं आपके विद्यालय में दशम का कक्षा का छात्र हूं। पिछले सोमवार को मैं विद्यालय देरी से पहुंचा था। जब व्यायाम शिक्षक महोदय ने मुझे प्रार्थना सभा में जाने से रोका तो मैं उनके सामने अकड़ गया और मेरे मुख से कुछ अपमानजनक शब्द निकल गए। घर आने के पश्चात मेरा क्रोध शांत हुआ और अपने दुस्साहसपूर्ण कार्य पर मुझे आत्मग्लानि होने लगी। शर्म के मारे मैं दो-तीन दिन तक विद्यालय भी नहीं आ सका। अंत में, मैंने अपने पिताजी को इस घटना के बारे में बताया।
किये गए अपराध के लिए प्रधानाचार्य से क्षमा याचना पत्र
सेवा में,
प्रधानाचार्य महोदय,
राजकीय सर्वोदय बाल
विद्यालय,
राजेंद्र नगर, नई
दिल्ली।
महोदय,
निवेदन है कि मैं
आपके विद्यालय में दशम का कक्षा का छात्र हूं। पिछले सोमवार को मैं विद्यालय देरी
से पहुंचा था। जब व्यायाम शिक्षक महोदय ने मुझे प्रार्थना सभा में जाने से रोका तो
मैं उनके सामने अकड़ गया और मेरे मुख से कुछ अपमानजनक शब्द निकल गए। घर आने के पश्चात
मेरा क्रोध शांत हुआ और अपने दुस्साहसपूर्ण कार्य पर मुझे आत्मग्लानि होने लगी।
शर्म के मारे मैं दो-तीन दिन तक विद्यालय भी नहीं आ सका। अंत में, मैंने अपने पिताजी को इस घटना के बारे में बताया।
उन्होंने मुझे काफी फटकार लगाई, जिसके योग्य मैं अपने आप को मानता हूं। मान्यवर, कृपया मुझे क्षमा करें। मैं व्यायाम शिक्षक महोदय
से भी क्षमा मांगने को तैयार हूं। आशा है कि आप मुझे अपना बालक समझकर अवश्य ही
क्षमा कर देंगे और यदि आप मुझे कोई शारीरिक दंड भी देना चाहे तो मैं उसे भी सहर्ष स्वीकृत करने को तैयार हूं।
मैं विश्वास दिलाता हूं
कि भविष्य में, मैं ऐसी मर्यादा ही बात कभी नहीं करूंगा और विनम्र
ही बना रहूंगा। आशा है कि आप मेरे प्रार्थना पत्र पर ध्यान देकर मुझे क्षमा करने
की कृपा करेंगे।
सधन्यवाद,
आपका
विनीत शिष्य
राहुल
वर्मा
कक्षा
दशम क
अनुक्रमांक 15
दिनांक 20 जून 2018
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