हिंदी कहानी - तेरा मेरा हिस्सा : राम और श्याम दो भाई थे। एक दिन श्याम ने कहा हमारे पिताजी की जोड़ी हुई तीन चीजें हैं। एक गाय, एक कंबल और एक आम का पेड़। क्यों ना हम इन्हें बराबर बांट लें ? राम ने श्याम की बात मान ली। श्याम चालाक था। बोला गाय का आगे का हिस्सा तेरा और पीछे का हिस्सा मेरा। आम के पेड़ का नीचे वाला भाग तेरा और ऊपर का भाग मेरा। कंबल दिन में तेरे पास रहेगा और रात में मेरे पास। भोले-भाले राम ने कहा ठीक है, ऐसा ही करेंगे।
हिंदी कहानी - तेरा मेरा हिस्सा
राम और श्याम दो भाई थे। एक दिन श्याम ने कहा हमारे पिताजी की जोड़ी हुई तीन चीजें हैं। एक गाय, एक कंबल और एक आम का पेड़। क्यों ना हम इन्हें बराबर बांट लें ? राम ने श्याम की बात मान ली। श्याम चालाक था। बोला गाय का आगे का हिस्सा तेरा और पीछे का हिस्सा मेरा। आम के पेड़ का नीचे वाला भाग तेरा और ऊपर का भाग मेरा। कंबल दिन में तेरे पास रहेगा और रात में मेरे पास। भोले-भाले राम ने कहा ठीक है, ऐसा ही करेंगे।
राम रोज गाय को भूसा खिलाता। श्याम सुबह शाम दूध पीता और उसे बेचकर पैसे कमाता। राम रोज आम के पेड़ को पानी देता, श्याम आम के फल ले लेता। राम दिन में कंबल को काम में नहीं ले पाता। रात में श्याम कंबल ओढ़ कर आराम से सो जाता। बेचारा राम रात ठंड में काटता रहता। राम और श्याम कि इस दिनचर्या को एक वृद्ध बहुत ध्यान से देख रहा था। एक दिन उसने राम को बुलाकर उसके कान में कुछ कहा।
राम मुस्कुराते हुए घर वापस लौट आया। अगले दिन सुबह उठते ही राम ने कंबल को पानी में भिगो दिया। कम्बल गीला होने के कारण श्याम उसे रात में ओढ़ नहीं पाया। रातभर वह ठंड में कांपता रहा। वह राम के ऊपर गुस्से में चिल्लाया तुमने ऐसा क्यों किया ? राम बोला सुबह के समय कंबल मेरा है, उसका मैं कुछ भी कर सकता हूं। श्याम कुछ ना कह पाया, उसके मुंह पर जैसे ताला लग गया हो।
सुबह हुई श्याम दूध दुहने लगा। राम ने गाय के गले में बंधी रस्सी को खींचा, गाय भड़क गई। गाय ने एक लात मारी जो श्याम को लग गई श्याम एक ओर गिर पड़ा और दूध का बर्तन दूसरी ओर। श्याम चिल्ला उठा, "तुम पागल हो गए हो क्या ?" राम ने जवाब दिया, "गाय का आगे का हिस्सा मेरा है ना। मैं उसे खींच रहा हूं तो तुम्हें गुस्सा क्यों आ रहा है।" बस श्याम की बोलती बंद हो गई वह चुपचाप पेड़ के नीचे सो गया। कुछ ही समय बीता कि पेड़ काटने की टक-टक की आवाज आई। श्याम ने घबरा कर आंखें खोली, सामने राम पेड़ को काट रहा था। अरे अरे ! यह क्या कर रहे हो? श्याम चीखने लगा। राम ने कहा पेड़ का निचला हिस्सा मेरा भी है ना उसी को काट रहा हूं।
श्याम समझ गया कि अब राम को बेवकूफ बनाना आसान नहीं। उस दिन से दूध और आम बेच कर दो पैसे मिलते उन्हें दोनों भाई बराबर बराबर बांट लेते। कंबल को भी बारी-बारी से ओढने लगे। एक दिन राम और का और दूसरे दिन श्याम।
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