मेरे जीवन का सबसे सुखद दिन पर निबंध : मानव जीवन अनेक घटनाओं से परिपूर्ण है। इसमें कुछ घटनाएं खुशी देने वाली होती हैं तथा कुछ दुख पहुंचाने वाली होती है। 16 मार्च 2008 का दिन मेरे लिए सबसे दुख भरा था। उस दिन मैं रोजाना की तरह प्रातः 6:00 बजे उठा। मेरी माता जी ने मेरे लिए नाश्ता तैयार किया। जैसे ही मैंने नाश्ता प्रारंभ किया मुझे टेलीफोन से सूचना मिली कि मेरे चाचा जी के साथ अचानक गंभीर दुर्घटना हो गई।
मेरे जीवन का सबसे सुखद दिन पर निबंध
मानव जीवन अनेक घटनाओं से परिपूर्ण है। इसमें कुछ घटनाएं खुशी देने वाली होती हैं तथा कुछ दुख पहुंचाने वाली होती है। 16 मार्च 2008 का दिन मेरे लिए सबसे दुख भरा था। उस दिन मैं रोजाना की तरह प्रातः 6:00 बजे उठा। मेरी माता जी ने मेरे लिए नाश्ता तैयार किया। जैसे ही मैंने नाश्ता प्रारंभ किया मुझे टेलीफोन से सूचना मिली कि मेरे चाचा जी के साथ अचानक गंभीर दुर्घटना हो गई।
हम सभी घबरा गए चाय का प्याला तुरंत मेज पर छोड़कर मेरे माता-पिता तथा बड़े भाई साहब चाचा जी से मिलने चल दिए। वहां जाकर पता चला कि उन्हें गंभीर चोटें आई हैं तथा वह सोहन अस्पताल में भर्ती हो गए हैं। संयोगवश मेरा इसी दिन बारहवीं कक्षा का विज्ञान का पर्चा था। मेरी बहुत अच्छी तैयारी थी परंतु विज्ञान का पेपर कुछ कठिन आ गया और कुछ मानसिक परेशानी के कारण वह पर्चा बहुत ही खराब गया। मुझे उस में पास होने में भी संदेह है। जब मैंने अपने पिताजी को यह बात बताई तो उन्हें यह जानकर बहुत दुख हुआ।
उन्हें मुझसे बहुत आशाएं थी, दुर्भाग्य से वह दिन मेरे लिए बड़ा मनहूस रहा। उस दिन एक और दुख भरी घटना घटित हुई। हमारा अपने पड़ोसी से छोटी सी बात पर झगड़ा हो गया जिसने इतना तूल पकड़ा कि पुलिस केस बन गया। पड़ोसी ने पुलिस को बुला लिया और हमारे विरुद्ध एक झूठा मुकदमा खड़ा कर दिया। इसी मुकदमे में मेरे पिताजी को पुलिस पकड़ कर ले गई। कई दिनों तक पुलिस घर के चक्कर लगाती रही तथा मेरे परिवार वालों को परेशान करती रही। दो दिन बाद उनकी जमानत हुई तब जाकर कुछ राहत मिली।
इतने से ही छुटकारा नहीं मिला। रात को 8:00 बजे तार द्वारा सूचना मिली कि हमारी नानी जो काफी समय से बीमार चल रही थी, उनका अचानक पर स्वर्गवास हो गया। थोड़ा आराम मिला था कि अचानक फिर भागादौड़ी शुरू हो गई। मतलब यह कि यह दिन हमारे लिए बड़ा ही दुखदाई रहा। उस दिन किसी तरह ना तो मन को शांति मिली और ना ही शरीर को आराम मिला। मेरे जीवन का यह दुखद दिन था, जो मुझे कभी नहीं भूलेगा।
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