हाथी पर निबंध। Hathi Par Nibandh : हाथी एक विशालकाय और पालतू पशु है। इसका शरीर बहुत बड़ा और भारी होता है। सबसे अनोखी बात तो ये हैं की इतना भारी शरीर के बावजूद भी ये एक कुशल तैराक होते हैं। इसकी आँखें बहुत ही छोटी होती हैं। हाथी के दो बड़े-बड़े कान होते हैं तथा एक छोटी सी पूँछ होती है। हाती की सूंड इसके दूसरे सभी प्राणियों से अलग बनाती है। यह अपनी सूंड का प्रयोग शाखाओं से पत्तियों को तोड़ने तथा भोजन को मुँह तक पहुचाने के लिए करता है
हाथी पर निबंध। Hathi Par Nibandh
हाथी एक विशालकाय और पालतू पशु है। इसका शरीर बहुत बड़ा और भारी होता है। सबसे अनोखी बात तो ये हैं की इतना भारी शरीर के बावजूद भी ये एक कुशल तैराक होते हैं। इसकी आँखें बहुत ही छोटी होती हैं। हाथी के दो बड़े-बड़े कान होते हैं तथा एक छोटी सी पूँछ होती है। हाती की सूंड इसके दूसरे सभी प्राणियों से अलग बनाती है। यह अपनी सूंड का प्रयोग शाखाओं से पत्तियों को तोड़ने तथा भोजन को मुँह तक पहुचाने के लिए करता है।
हाती के मुँह में दो दांत बाहर की ओर निकले होते हैं जिन्हें गजदंत कहा जाता है। जरुरत पड़ने पर हाथी इनका प्रयोग हथियार की तरह कर अन्य पशुओं से अपनी रक्षा करता है। हाथी के खाने के दांत मुँह के अन्दर होते हैं। इसके दांतों का प्रयोग चूड़ियाँ, खिलौने तथा अन्य प्रकार के सजावटी सामान बनाने में किया जाता है जो की उचित नहीं है।
हाथी एक समझदार पशु है। ऐसा माना जाता है की हाथी की यादाश्त बहुत तेज होती है। यदि हाथी को प्रशिक्षित किया जाए तो यह बड़ी ही आसानी से सभी आदेशों का पालन करता है। इसकी इन्ही सब खूबियों के कारण प्राचीन काल में राजा-महाराजा इसे पानी सेनाओं में रखते थे। हाथियों को प्रशिक्षित करने वाले व्यक्ति को महावत कहा जाता है। वह हाथियों को अंकुश से अपने वश में रखता है।
हाथी एक शाकाहारी जानवर होता है इसके गुड और गन्ना विशेष प्रिय होते हैं। इनकी वजन उठाने की क्षमता अतुलनीय होती है। केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु और आँध्रप्रदेश आधी राज्यों में आज भी लोग हाथी पालन करते दिखाई पद जाते हैं। वहां हाथियों का प्रयोग जंगलों की कटाई, लकड़ी के गट्ठे उठाने आदि में किया जाता है। विदेशों में हाथियों को प्रशिक्षित कर इनसे सर्कस में करतब करवाए जाते हैं। जिससे लोगों का मनोरंजन भी होता है। इनकी खाल का प्रयोग जूते बनाने में किया जाता है। परन्तु अब यह प्राणी तेजी से लुप्त हो रहा है। हाथी दांत तथा इनकी खाल के कारण इनका तेजी से अवैध शिकार किया जा रहा है। जंगलों के काटने से इनका प्राकृतिक आवास तेजी से नष्ट होता जा रहा है। और जो बचेखुचे हाथी सलामत हैं तो उन्हें चिड़ियाघर या सर्कस में कैद कर दिया गया है। अतः अब इनके संरक्षण के लिए पर्याप्त कदम उठाये जाने चाहिए तथा इनके लिए प्राकृतिक आवास की व्यवस्था करनी चाहिए। तथा इनके शिकार पर कड़ी से कड़ी सजा का प्रावधान कर उस पर अमल भी करना चाहिए
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