इंदिरा गांधी पर निबंध : श्रीमती इंदिरा गांधी स्वतंत्र भारत की पहली महिला प्रधानमन्त्री थीं। इंदिरा जी की बचपन का नाम इंदिरा प्रियदर्शिनी था। उनका जन्म 17 नवम्बर 1917 को इलाहाबाद के पुश्तैनी घर आनंद भवन में हुआ था। इनकी माता जी कमला नेहरू व पिता जी जवाहरलाल नेहरू था। इंदिरा जी बचपन से ही आनंद भवन में आने-जाने वाले नेताओं तथा बुद्धिजीवियों के संपर्क में आती रहीं थी। इस कारण स्वतंत्रता के संघर्ष से वे स्वाभाविक रूप से परिचित हो गयी थीं।
इंदिरा गांधी पर निबंध। Essay on Indira Gandhi in Hindi
इंदिरा जी बचपन से ही आनंद भवन में आने-जाने वाले नेताओं तथा बुद्धिजीवियों के संपर्क में आती रहीं थी। इस कारण स्वतंत्रता के संघर्ष से वे स्वाभाविक रूप से परिचित हो गयी थीं। उन्होंने बच्चों का एक संगठन बनाया जिसे वानर सेना कहा जाता था।
नेहरू जी कारावास से इंदिरा जी को पत्र लिखा करते थे जिन्हे इंदिरा जी बड़े ही चाव से पढ़ा करती थीं। उन पत्रों का संग्रह 'पिता के पत्र पुत्री के नाम' शीर्षक से एक पुस्तक से रूप में प्रकाशित हो चुके हैं। इंदिरा जी का विवाह एक सुयोग्य पत्रकार, विद्वान् एवं लेखक गिरोज गांधी से हुआ जो एक पारसी परिवार से थे। इंदिरा जी 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में जेल भी गयीं।
15 अगस्त 1947 को देश आजाद हुआ व स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद जवाहरलाल नेहरू देश के प्रथम प्रधानमन्त्री बने। इंदिरा जी, जवाहर जी के साथ ही तीन मूर्ती भवन में रहने लगीं। इसी दौरान उनके दो पुत्रों का जन्म हुआ जो थे राजीव गांधी व संजय गांधी। इस समय था इंदिरा जी ने राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाना शुरू कर दिया था। सन 1959 में उन्हें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अध्यक्ष चुना गया। इसी बीच सन 1960 को उनके पति फिरोज गांधी जी का निधन हो गया।
सन 1964 में पंडित नेहरू की मृत्यु के बाद श्री लालबहादुर शास्त्री जी प्रधानमन्त्री बने। श्रीमती इंदिरा गांधी शास्त्री जी के कैबिनेट में सूचना व प्रसारण मंत्री बनीं। सन 1966 में दुर्भाग्य से श्री शास्त्री जी की मृत्यु होने के बाद 24 जनवरी 1966 को प्रथम महिला बार प्रधानमन्त्री बनीं। 1967 के लोकसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत से दुबारा प्रधानमन्त्री चुनी गयीं। सन 1971 में पाकिस्तान को युद्ध में हराया और बांग्लादेश के निर्माण में सफल भूमिका निभाई। 1977 के लोकसभा चुनाव में इंदिरा जी को पराजय का सामना करना पड़ा परन्तु उन्होंने हार नहीं मानी और 1979 के मध्यावधि चुनाव में फिर से दो-तिहाई बहुमत से सत्ता में आयीं।
इंदिरा जी एक कुशल प्रधानमन्त्री और राजनीतिज्ञ थीं इसमें कोई संदेह नहीं है। इनके काल में कई अभूतपूर्व कार्य हुए जिनमें से विधवा पेंशन, बैंकों का राष्ट्रीयकरण, अंतरिक्ष के क्षेत्र में अनुसंधान, पडोसी मुल्कों से युद्ध में विजय, सोवियत रूस से मित्रतापूर्ण सम्बन्ध एवं गुट निरपेक्षता प्रमुख हैं। बड़े ही दुःख की बात है की 31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा जी को उनके ही अंगरक्षक ने गोली मारकर ह्त्या कर दी। इंदिरा जी भारत वर्ष के सफलतम प्रधानमंत्रियों में से एक थीं। उनकी सूझ-बूझ, राजनीतिक समझ आज भी देश के नेताओं के लिए पथ-प्रदर्शक का कार्य करती है।
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