तेंदुआ पर निबंध : तेंदुआ बिल्ली परिवार का एक बड़ा और ताकतवर सदस्य है। यह एक चौपाया जानवर है जिसकी एक लम्बी पूँछ होती है। यह मुख्यतः अफ्रीका, चीन और भारत में पाए जाते हैं। इसकी खाल पीले रंग की होती है, जिस पर गहरे रंग के धब्बे होते हैं जो इसकी पहचान है। तेंदुए एक एकांतप्रिय जीव होता है, यह शेरों की तरह झुण्ड बनाकर नहीं रहते।
तेंदुआ पर निबंध। Essay on Leopard in Hindi
तेंदुआ बिल्ली परिवार का एक बड़ा और ताकतवर सदस्य है। यह एक चौपाया जानवर है जिसकी एक लम्बी पूँछ होती है। यह मुख्यतः अफ्रीका, चीन और भारत में पाए जाते हैं। इसकी खाल पीले रंग की होती है, जिस पर गहरे रंग के धब्बे होते हैं जो इसकी पहचान है। परन्तु कुछ तेंदुए काले रंग के पाए जाते हैं जिसे ब्लैक पैंथर कहते हैं। यह आकार में शेर व बाघ से छोटे होते हैं। इनकी खाल की बनावट और रंग इन्हे पेड़ों और घास में छिपने में मदद करते हैं। यह एक मांसाहारी जानवर होता है। यह अपने मजबूत जबड़ों और धारदार नाखूनों का इस्तेमाल शिकार करने में करता है। इनकी पेड़ों पर चढ़ने और छलांग लगाने की क्षमता अद्भुत होती है।
तेंदुए एक एकांतप्रिय जीव होता है, यह शेरों की तरह झुण्ड बनाकर नहीं रहते। वयस्क होते ही यह अकेले रहने लगते हैं और अपने जीवन का ज्यादातर भाग पेड़ों पर अकेले ही बिता देता है। पेड़ों से ही यह अपने शिकार पर घात लगाते है। कभी-कभी यह घास में छिपकर भी अपने शिकार का पीछा करते हैं। इनकी खाल की बनावट और रंग भी इन्हे पेड़ों और घास में छिपने में मदद करते हैं। इनका वजन 50 से 70 किलोग्राम तक व उम्र औसतन 15 वर्ष होती है। नर तेंदुओं का आकार मादा तेंदुओं से बड़ा होता है। यह अपने आकार के जानवरों से लेकर छोटे जानवरों, मछलियों और पक्षियों सभी का शिकार करते हैं। इनकी अनुकूलन क्षमता भी कमाल की है, यह हर प्रकार के मौसम में आसानी से रह सकते हैं।
इन सब खूबियों के बावजूद भी आज इनकी संख्या दिन-प्रतिदिन घटती जा रही है। मनुष्यों की बढ़ती आबादी की साथ ही जंगलों को तेजी से काटा जा रहा है। जिससे उन जीवों की संख्या घट रही है, जिनका यह शिकार करते हैं। परिणाम यह होता है की तेंदुए, पालतू पशुओं को अपना शिकार बनाते हैं। जिससे तंग आकर किसान इनको मार देते हैं। एक और कारण भी है जिसके कारण इनका तेजी से शिकार किया जा रहा है, और वह है इनकी खाल। शिकारी इनको मारकर इनकी खाल और फर को महंगे दामों पर बेच देते हैं क्योंकि इनसे बने सामानों की बाजार में अच्छी कीमत मिलती है। हमें ऐसे सामानों का विरोध करना चाहिए और ऐसे सामान को बेचने वालों की रिपोर्ट करनी चाहिए। जिससे तेंदुओं को संरक्षण मिल सके। सरकार को भी इनके लिए प्राकृतिक आवास बनाने चाहिए जिससे इनकी संख्या में फिर से वृद्धि हो सके।
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