दो मित्रों के बीच भ्रष्टाचार पर संवाद- अमित: (चिंतित मुद्रा में) रिया, आजकल भ्रष्टाचार का स्तर बहुत बढ़ गया है। हर जगह भ्रष्टाचार का बोलबाला है। रिया:
दो मित्रों के बीच भ्रष्टाचार पर संवाद - Do Mitro Ke Beech Bhrashtachar Par Samvad Lekhan
रिया: (चिंता से) क्या हुआ अमित? इतने परेशान क्यों दिख रहे हो?
अमित: (सड़क दिखाते हुए) ये देखो रिया। हमारे मोहल्ले में जो नई सड़क बनी थी, वो एक हफ्ते में ही गड्ढों से भर गई है।
रिया: (सड़क देखकर) अरे ये तो... बहुत ही खराब स्थिति है।
अमित: (गुस्से से) ये सब घटिया मटेरियल और भ्रष्टाचार का नतीजा है। कांट्रेक्टर ने ज़रूर पैसे खा लिए होंगे और घटिया निर्माण कर दिया।
रिया: (निराश होकर) कितनी शर्मनाक बात है ये अमित। ऐसे हालात में विकास और तरक्की कैसे होगी?
अमित: (हताश स्वर में) मैंने तो शिकायत भी की थी नगरपालिका में, पर वहाँ भी यही कहानी। सब अपनी जेबें भरने में लगे हैं।
रिया: (क्रोध से) ये तो बेहद निराशाजनक है। क्या होगा इस देश का अगर यही सिलसिला चलता रहा?
अमित: (सोचते हुए) कुछ तो करना होगा रिया। इस भ्रष्टाचार का दंश हर जगह है।
रिया: (उम्मीद जगाते हुए) हार नहीं माननी चाहिए अमित। हमें मोहल्ले में सभी से बात करनी चाहिए।
अमित: (आशा की किरण) हाँ, रिया। यदि सभी लोग साथ आ गए तो नगर पालिका पर अवश्य दवाब बनेगा।
भ्रष्टाचार पर दो मित्रों के बीच संवाद - 2
अमित: अरे रवि, तूने सुना क्या? रमेश को नौकरी मिल गई है!
रवि: हाँ, सुना तो मैंने। लेकिन बात क्या है?
अमित: बात यह है कि रमेश ने नौकरी के लिए कोई परीक्षा नहीं दी, कोई इंटरव्यू नहीं दिया। बस उसने कुछ लोगों को पैसे दिए और नौकरी उसकी हो गई।
रवि: क्या? यह तो सरासर भ्रष्टाचार है!
अमित: हाँ, भ्रष्टाचार! और यह सिर्फ एक उदाहरण है। आजकल भ्रष्टाचार हर जगह है। आम लोगों से लेकर प्रशासन तक, हर जगह भ्रष्टाचार व्याप्त है।
रवि: यह तो बहुत ही चिंताजनक बात है।
अमित: हाँ, हमें इस भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। हम सब मिलकर इस भ्रष्टाचार को मिटा सकते हैं।
रवि: लेकिन कैसे?
अमित: हम सब मिलकर एक अभियान शुरू कर सकते हैं। हम लोगों को भ्रष्टाचार के बारे में जागरूक कर सकते हैं।
रवि: यह बहुत अच्छा विचार है। मैं इस अभियान में शामिल होने के लिए तैयार हूँ।
अमित: बहुत अच्छा! तो चलो, हम सब मिलकर इस भ्रष्टाचार को मिटाते हैं।
रवि: हाँ, चलो!
दो दोस्तों के बीच भ्रष्टाचार पर संवाद - 3
अमित: (चिंतित मुद्रा में) रिया, आजकल भ्रष्टाचार का स्तर बहुत बढ़ गया है। हर जगह भ्रष्टाचार का बोलबाला है।
रिया: (सहमत होते हुए) हाँ, अमित। यह सच है। आम लोगों से लेकर प्रशासन तक, भ्रष्टाचार हर जगह व्याप्त है।
अमित: (उदाहरण देते हुए) देखो, सरकारी कार्यालयों में काम करवाने के लिए रिश्वत देना आम बात हो गई है। गरीब लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता क्योंकि अधिकारी पैसे हड़प लेते हैं।
रिया: (NGO के अनुभव से बताते हुए) मैं NGO में काम करती हूँ। मैंने देखा है कि कैसे गरीब लोगों को शोषण का शिकार बनाया जाता है। उन्हें कम वेतन दिया जाता है और उनके अधिकारों का हनन होता है।
अमित: (गुस्से से) यह सब बहुत गलत है। हमें इस भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।
रिया: (समर्थन में) बिल्कुल। सोशल मीडिया का सहारा लिया जा सकता है। एक अभियान चलाएं, लोगों को जागरूक करें, भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने के लिए प्रेरित करें।
अमित: (उत्साह से) अच्छा विचार है! लोगों को बताएँ, कैसे शिकायत करें, अपने हक़ के लिए लड़ें।
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